भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक इन दिनों भारत दौरे पर हैं और प्रयागराज के महाकुंभ में संगम में आस्था की डुबकी लगाकर सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। वैसे तो कुंभ में कई बड़े दिग्गज शामिल होते हैं, लेकिन भूटान नरेश की मौजूदगी को लेकर खास चर्चा हो रही है। उनकी शाही जीवनशैली, प्रेम कहानी और राजशाही की अनूठी परंपरा लोगों को हमेशा आकर्षित करती रही है। आइए, जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ अनसुने पहलू जो कम ही लोगों को पता हैं।
एक राजसी प्रेम कहानी: जब सात साल की बच्ची ने किया प्रपोज
राजा जिग्मे खेसर की प्रेम कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा वांगचुक के साथ उनका रिश्ता बचपन में ही तय हो गया था, पर किस्मत ने इसे और भी खूबसूरत बना दिया। जब पेमा सिर्फ सात साल की थीं, तब उनकी मुलाकात 17 वर्षीय राजकुमार जिग्मे खेसर से एक पिकनिक के दौरान हुई थी। नन्ही पेमा इस राजकुमार से इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने मासूमियत भरे अंदाज में शादी का प्रस्ताव रख दिया!
राजकुमार खेसर इस नटखट प्रस्ताव पर मुस्कुराए और प्यार भरे दिल से एक वादा किया—
“अगर जब तुम बड़ी हो जाओगी और तब भी हम दोनों अविवाहित रहेंगे और तुम्हारे दिल में मेरे लिए वही भावना रहेगी, तो मैं तुमसे शादी जरूर करूंगा।”
14 साल बाद पूरा किया वादा, बनीं सबसे युवा रानी
समय बीता और 14 साल बाद, वर्ष 2011 में खेसर ने अपना वादा निभाया। 28 वर्षीय राजा ने 21 वर्षीय जेत्सुन पेमा से विवाह किया और इस शादी के साथ ही वे दुनिया की सबसे युवा रानी बन गईं। शादी के दौरान भी उनकी सादगी और सौम्यता ने सभी को प्रभावित किया।
सबसे कम उम्र के राजा, ‘जनता के राजा’
साल 2008 में, जब खेसर के पिता ने गद्दी छोड़ दी, तब मात्र 28 वर्ष की उम्र में वे भूटान के सबसे युवा राजा बने। उन्हें जनता से जुड़ाव, मानवता और परोपकारी कार्यों के लिए पहचाना जाता है। इसी वजह से वे ‘पीपल्स किंग’ यानी जनता के राजा के रूप में प्रसिद्ध हैं। भूटान को “दुकयुल” यानी ड्रैगन की भूमि कहा जाता है, और वहाँ के राजा को “द्रुक ग्यालपो” यानी ड्रैगनों का राजा कहा जाता है। उनके सिर पर जो मुकुट शोभायमान होता है, उसे “रेवेन क्राउन” कहा जाता है, जो उनकी शक्ति और भूटान की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।
विदेशी शिक्षा और बेहतरीन फैशन सेंस
राजा खेसर ने अपनी शिक्षा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की, जहाँ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की। वहीं, रानी जेत्सुन पेमा ने लंदन के रीजेंट्स कॉलेज से मनोविज्ञान में डिग्री हासिल की। रानी पेमा न सिर्फ अपनी सादगी बल्कि अपने बेहतरीन फैशन सेंस के लिए भी जानी जाती हैं। वे भारी मेकअप से दूर रहती हैं और अपनी प्राकृतिक सुंदरता को प्राथमिकता देती हैं, जो उन्हें एक ग्रेसफुल और शाही आभा प्रदान करता है।
भूटान नरेश का भारत प्रेम और कुंभ में डुबकी
भारत और भूटान के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से बेहद मधुर रहे हैं। भूटान नरेश खुद भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। प्रयागराज में महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने न सिर्फ उनके भारतीय प्रेम को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि आध्यात्मिकता और परंपरा की कोई सीमाएँ नहीं होतीं। भूटान के ड्रैगन किंग और क्वीन की यह प्रेम कहानी, उनका शाही जीवन और आध्यात्मिक झुकाव, सबकुछ उन्हें एक बेहद खास शख्सियत बनाते हैं। उनकी कहानी न सिर्फ राजशाही की झलक दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि वचनबद्धता और सच्चा प्रेम किसी भी गद्दी से बड़ा होता है।
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