7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय ने इस ऑपरेशन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह हमला 25 मिनट तक चला और इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया गया।
पहलगाम हमला: आतंकवाद की बर्बरता
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन घाटी में पांच आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी, जिनमें अधिकांश हिंदू थे। आतंकियों ने पीड़ितों के सिर में गोली मारकर उनकी हत्या की और यह सब उनके परिवारों के सामने किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी पहले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक संगठन है, हालांकि बाद में इससे मुकर गया। भारत ने इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का स्पष्ट उदाहरण बताया।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और संयमित प्रतिक्रिया
भारतीय वायुसेना ने 7 मई की सुबह 1:05 बजे से 1:30 बजे तक ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इनमें मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट, भिंबर, कोटली और तेहरा कलां जैसे स्थान शामिल थे। हमलों में राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP मिसाइलें और AASM हैमर बमों का उपयोग किया गया। भारतीय सेना ने दावा किया कि इन हमलों में 90 से अधिक आतंकवादी मारे गए और नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरती गई।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय चिंता
पाकिस्तान ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उन्होंने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, हालांकि भारत ने इसकी पुष्टि नहीं की। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय नियंत्रण वाले कश्मीर में भारी गोलाबारी की, जिसमें सात भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी, और संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
भारत का रुख: आतंकवाद के खिलाफ सख्ती
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे भारत को यह कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि भारत आतंकवाद को उसकी जड़ से उखाड़ फेंकने में सक्षम है और इसके लिए प्रतिबद्ध है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और सटीक प्रतिक्रिया है। यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खिलाफ किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगा। हालांकि, इस स्थिति ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब दोनों देशों पर टिकी हैं कि वे आगे कैसे कदम उठाते हैं।
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