छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र: नए विधायकों के जमीन आवंटन का मामला उठा, राजस्व मंत्री ने नवा रायपुर के नकटी गांव का किया जिक्र

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सत्रहवें और अंतिम दिन प्रश्नकाल में नए विधायकों के लिए राजधानी में जमीन आवंटन का मुद्दा गरमाया। इस विषय को विधायक धर्मजीत सिंह और राजेश मूणत ने उठाया। जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि अभी भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया चल रही है और नवा रायपुर के नकटी गांव में जमीन देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, आवंटन को लेकर अंतिम निर्णय लंबित है।

विधायक धर्मजीत सिंह ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि नए विधायकों के लिए राजधानी में आवासीय सुविधा नहीं है। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि यह विषय संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के संज्ञान में है और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।

भू-अर्जन और मुआवजे के आंकड़ों में विसंगति

इस दौरान विधायक उमेश पटेल ने रायगढ़ जिले में NH-200 के भू-अर्जन और मुआवजे का मामला उठाया। उन्होंने सवाल किया कि पिछली बार के जवाब में 820.783 हेक्टेयर भूमि का उल्लेख था, लेकिन इस बार उत्तर अलग-अलग दिए जा रहे हैं। उन्होंने आपत्ति जताई कि तीन बार अलग-अलग जवाब मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि सही आंकड़ा क्या है।

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि रायगढ़ जिले में कुल 141.23 हेक्टेयर निजी भूमि अर्जित की गई है। इस पर विधायक उमेश पटेल ने सवाल उठाया कि पहले 141.5 हेक्टेयर बताया गया, फिर दूसरा जवाब कुछ और आया। आखिरकार सही आंकड़ा क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि 820 हेक्टेयर और 141 हेक्टेयर के बीच भारी अंतर है।

मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे इस विसंगति की जांच कराएंगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यदि कोई उत्तर असंतोषजनक है तो इसकी लिखित शिकायत दें, जिसे सुलझाया जाएगा।

NH-200 सर्वे और मुआवजे पर सवाल

विधायक उमेश पटेल ने आगे सवाल किया कि NH-200 का पुराना सर्वेक्षण एक दिशा में किया गया था, लेकिन नए सर्वे में दिशा बदल दी गई। उन्होंने पूछा कि पुराने सर्वे का प्रतिबंध कब तक हटाया जाएगा?

मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि निर्माण शुरू होने से पहले प्रतिबंध लगाया गया था, ताकि नई भूमि अर्जित करने की जरूरत न पड़े। इस पर विधायक ने सवाल किया कि इस प्रतिबंध को हटाने की प्रक्रिया कब पूरी होगी? मंत्री ने कहा कि वे इस मामले की जानकारी लेकर समाधान निकालेंगे।

गलत तरीके से दिए गए मुआवजे पर कार्रवाई की मांग

इसके अलावा विधायक उमेश पटेल ने दावा किया कि कुछ ऐसी जमीनों पर मुआवजा दिया गया है, जो प्रभावित ही नहीं थीं। उन्होंने कहा कि 2 करोड़ रुपये का मुआवजा गलत तरीके से स्वीकृत हुआ, जबकि वास्तविक नुकसान नहीं हुआ था।

उन्होंने मंत्री से पूछा कि गलत भुगतान की रिकवरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी? इस पर मंत्री ने कहा कि यह मामला 2005 से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच कराई जाएगी। विधायक ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से 2 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है और उन्होंने पूछा कि क्या संबंधित अधिकारी पर कोई कार्रवाई की गई?

मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इसकी शिकायत दर्ज कराई जाएगी और जांच के आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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