पीएम मोदी और कतर के अमीर की मुलाकात: भारत-कतर के बीच अहम समझौतों पर हस्ताक्षर

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने मंगलवार को हैदराबाद हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इससे पहले, राष्ट्रपति भवन में अमीर को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने इस मुलाकात को भारत-कतर की मजबूत साझेदारी का नया अध्याय बताया।

भारत-कतर के बीच कर समझौता

इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच आय पर कराधान से जुड़े दोहरे कराधान से बचाव और वित्तीय अनियमितताओं की रोकथाम पर एक संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर पीएम मोदी और अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दोनों मौजूद रहे। इसके अलावा, दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल स्तर पर हुई अहम वार्ता

इस उच्चस्तरीय बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य वरिष्ठ मंत्री भी शामिल रहे। वहीं, कतर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने किया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी कतर के अधिकारियों से मुलाकात की।

विदेश मंत्री जयशंकर की अमीर से मुलाकात

कतर के अमीर के भारत आगमन के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे मुलाकात की। अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय व्यापारिक और सरकारी प्रतिनिधिमंडल भी आया, जिसमें मंत्री, अधिकारी और व्यापारी शामिल थे। गौरतलब है कि अमीर इससे पहले मार्च 2015 में भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे।

पीएम मोदी ने किया गर्मजोशी से स्वागत

अमीर के भारत आगमन पर पीएम मोदी स्वयं हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने पहुंचे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “अपने भाई, कतर के अमीर का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया। उनकी भारत यात्रा के सफल होने की कामना करता हूं और कल की बैठक को लेकर उत्साहित हूं।”

भारत और कतर के रिश्तों का महत्व

भारत और कतर के कूटनीतिक संबंध 1970 के दशक से चले आ रहे हैं। 1973 में कतर ने भारत में अपना दूतावास स्थापित किया और 1974 में अपना पहला राजदूत नियुक्त किया। लेकिन दोनों देशों के संबंध उससे भी पहले मजबूत हो चुके थे।

कतर भारत के लिए क्यों अहम है?

  • कतर में भारतीय प्रवासी सबसे बड़ा समुदाय है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है।
  • भारत कतर का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
  • भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा कतर से पूरा करता है, जिसमें 50% LNG (Liquefied Natural Gas) और 30% LPG (Liquefied Petroleum Gas) की आपूर्ति कतर से होती है।

भारत के लिए कतर – एक भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत

भारत को अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के लिए विश्वसनीय स्रोतों की आवश्यकता है, और कतर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। भारत और कतर के बीच इस मजबूत व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को भविष्य में और भी विस्तार देने की योजना है।

अमीर की यह यात्रा भारत-कतर संबंधों में एक नया आयाम जोड़ने और बहुआयामी सहयोग को गति देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।


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