पीएम मोदी ने किया आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन, मिला ‘धर्म चक्रवर्ती’ सम्मान

Spread the love

LIvekhabhar | Chhattisgarh News

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैन धर्म के महान आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। समारोह का आयोजन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भव्य रूप से संपन्न हुआ। समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आचार्य विद्यानंद जी महाराज की स्मृति में विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्के भी जारी किए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा:

“यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 28 जून 1987 को आचार्य विद्यानंद मुनिराज को ‘आचार्य’ की उपाधि प्राप्त हुई थी। यह केवल एक उपाधि नहीं, बल्कि जैन संस्कृति को विचारों, संयम और करुणा से जोड़ने वाली एक पवित्र धारा थी। आज जब हम उनकी शताब्दी मना रहे हैं, यह उस ऐतिहासिक क्षण को स्मरण करने का अवसर है।”

2026 तक चलेगा शताब्दी समारोह

इस शताब्दी वर्ष की शुरुआत 28 जून 2025 से हुई है और यह 22 अप्रैल 2026 तक मनाया जाएगा। पूरे वर्ष भर देशभर में सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन को भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के सहयोग से आयोजित किया गया है। यह समारोह आचार्य विद्यानंद जी महाराज के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है, जिससे उनके विचारों, जीवनशैली और शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।

50 से अधिक ग्रंथों के रचयिता रहे आचार्य विद्यानंद जी

आचार्य विद्यानंद जी महाराज ने जैन दर्शन, नैतिकता और शास्त्रीय भाषाओं पर 50 से अधिक पुस्तकों की रचना की। उन्होंने प्राकृत, जैन साहित्य और संस्कृत जैसे विषयों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया। साथ ही, उन्होंने देशभर में स्थित प्राचीन जैन मंदिरों के संरक्षण, जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत की आध्यात्मिक विरासत को मजबूती मिली।


Spread the love