महाकुंभ : प्रयागराज के महाकुंभ में इस बार झज्जर के सासरौली गांव के रहने वाले और IIT मुंबई के पूर्व छात्र अभय सिंह उर्फ IITian बाबा चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। अभय का यह रूप उनके परिवार और जानने वालों के लिए चौंकाने वाला है। उनके पिता कर्ण सिंह, जो पेशे से वकील हैं, ने बताया कि अभय बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होनहार था और अपनी कड़ी मेहनत से मुंबई IIT में दाखिला हासिल किया।
कोरोना महामारी के दौरान अभय कनाडा में अपनी बहन के साथ रहते हुए नौकरी कर रहा था। लेकिन पिछले कुछ समय से उसने आध्यात्मिक जीवन अपना लिया है। कर्ण सिंह ने कहा, “अभय ने न कभी मुझसे और न अपनी मां से आध्यात्म को लेकर कोई चर्चा की। वह कम बात करने वाला था और कहता था कि आप फोन पर मैसेज कर दिया करो।”
सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि पिछले छह महीनों से अभय ने अपने परिवार के सभी सदस्यों के नंबर ब्लॉक कर रखे हैं। इसके चलते परिवार को उनके हालचाल और निर्णयों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कर्ण सिंह ने कहा, “अभय ने हमारे साथ हमेशा एक दूरी बनाए रखी। उसने न कभी खुलकर बात की और न ही अपनी योजनाओं के बारे में बताया।” परिवार को यह भी समझ नहीं आ रहा कि उसने अचानक अध्यात्म की ओर रुख क्यों किया।
महाकुंभ में मौजूद लोगों का कहना है कि IITian बाबा का यह कदम उनके लिए प्रेरणादायक है। हालांकि, उनके परिवार की भावनाएं इस बदलाव से जुड़ी चिंताओं को साफ दिखाती हैं।
क्या अभय के इस फैसले के पीछे कोई बड़ा कारण है, या यह सिर्फ उनका आत्मिक यात्रा का हिस्सा है? यह सवाल फिलहाल अनुत्तरित है।