नई दिल्ली : तेलुगू फिल्मों के मशहूर अभिनेता और निर्माता मोहन बाबू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पत्रकार पर हमले से जुड़े मामले में अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले, 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
क्या है मामला?
मोहन बाबू, जिनका असली नाम मंचू भक्तवत्सलम नायडू है, तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के वरिष्ठ कलाकारों में से एक हैं। उन्हें फिल्म जगत में योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिल चुका है। 500 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके मोहन बाबू राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
उन पर एक टीवी पत्रकार पर घातक हमले का आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार, 10 दिसंबर 2024 को हैदराबाद स्थित उनके घर पर 50-60 लोगों की भीड़ जबरन घुस आई थी। मोहन बाबू ने दावा किया कि यह भीड़ उनके बेटे मनोज द्वारा लाई गई थी। इस दौरान हुई धक्का-मुक्की में एक पत्रकार घायल हो गया। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार के जबड़े में गंभीर चोट आई थी, जिसके चलते हैदराबाद पुलिस ने मोहन बाबू के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इससे पहले, तेलंगाना हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। मोहन बाबू ने अदालत में दलील दी कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पत्रकार से माफी मांगी है और उसे हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी दिया है। साथ ही, उन्होंने जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही और कहा कि उनकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली।
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