म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही मची है। सबसे अधिक प्रभाव बैंकॉक में देखा गया, जहां एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत धराशायी हो गई। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई और इसका केंद्र म्यांमार में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
थाईलैंड और म्यांमार में इस भूकंप ने अब तक 1000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 2300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। ग्रेटर बैंकॉक क्षेत्र, जिसकी आबादी 1.7 करोड़ से अधिक है, सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। कई ऊंची इमारतों और होटलों को खाली कराना पड़ा। झटकों से ऊंची इमारतों के पूल में पानी हिलने लगा, और अलार्म बजने लगे।
बैंकॉक में ‘चटुचक मार्केट’ के पास मलबे में 40 से अधिक मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी है। भारत ने मानवीय सहायता भेजी है और बचाव कार्यों में सहयोग कर रहा है।
फ्रांस के एक पर्यटक ऑगस्टिन गस बैंकॉक के एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे, तभी भूकंप आ गया। उन्होंने बताया, “मैं लिफ्ट से बाहर निकला ही था कि जमीन हिलने लगी। मुझे लगा कि यह मेरा भ्रम है, लेकिन ऐसा नहीं था।”
कुछ लोग छत पर बने पूल में थे, जहां पानी उछलकर बाहर गिरने लगा। मेट्रो और लाइट-रेल सिस्टम को भी सुरक्षा जांच के लिए बंद कर दिया गया, जिससे कई लोग सड़कों पर फंस गए।
भूकंप के बावजूद, पर्यटक धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियों की ओर लौट रहे हैं। माल्टा की क्रिस्टीना मैंगियन, जो भूकंप के वक्त अपने होटल में थीं, ने स्थानीय व्यापारियों के समर्थन की बात कही। ऑगस्टिन गस ने इसे एक अनुभव बताते हुए अपनी यात्रा जारी रखने का फैसला किया।
यह भूकंप दक्षिण पूर्व एशिया में हाल के वर्षों में आई सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक है। बचाव कार्य जारी है, और भारत सहित कई देश मदद के लिए आगे आए हैं।