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शराब घोटाला मामला: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

July 22, 2025 | by Nitesh Sharma

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। ईडी की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें रायपुर स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया।

ईडी ने 18 जुलाई की सुबह भिलाई स्थित बघेल निवास पर छापा मारते हुए चैतन्य को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया था। उन पर छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की रिमांड पर भेजा था, जिसकी अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें दोबारा अदालत में पेश किया गया। 21 जुलाई को ईडी रायपुर ज़ोनल कार्यालय ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि चैतन्य की गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ईडी की जांच के अनुसार यह घोटाला 2500 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन से जुड़ा है, जिससे प्रदेश को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।

ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को इस घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई थी। उन्होंने इस राशि का उपयोग अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के ज़रिए किया और अपने प्रोजेक्ट्स में नकद भुगतान एवं बैंक प्रविष्टियों के माध्यम से निवेश किया। चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर अपने विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीद की आड़ में ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर 5 करोड़ रुपये की राशि ली। बैंकिंग ट्रेल से यह स्पष्ट हुआ है कि इन लेन-देन की अवधि के दौरान त्रिलोक सिंह को शराब सिंडिकेट से धन प्राप्त हुआ था। चैतन्य पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक के पीओसी को हैंडल करने, और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को अवैध धन हस्तांतरित करने के आरोप भी लगे हैं। ईडी के अनुसार यह पैसा बघेल परिवार के करीबी सहयोगियों के माध्यम से आगे निवेश हेतु ट्रांसफर किया गया, जिसकी जांच अभी भी जारी है।

इस मामले में पहले ही पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, आईटीएस अरुण पति त्रिपाठी, और पूर्व मंत्री व विधायक कवासी लखमा को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। ईडी की टीम अब भी इस मामले से जुड़े लेन-देन और अवैध निवेश की परतें खोलने में जुटी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम इस घोटाले की चपेट में आ सकते हैं।

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