संसद सत्र का छठवां दिन: अडाणी मुद्दे और संभल हिंसा पर विपक्ष का हंगामा, रिजिजू बोले- बहुमत से बिना चर्चा भी पास कर सकते हैं बिल

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज छठवां दिन है। एक दिन पहले सभी दलों की बैठक में सहमति बनी थी कि विपक्ष सदन में प्रदर्शन या वॉकआउट नहीं करेगा। इसके बावजूद, सदन शुरू होने से पहले ही कांग्रेस और विपक्षी INDIA गठबंधन के नेताओं ने गौतम अडाणी और उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुए। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी।

सत्र के दौरान, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को आश्वासन दिया कि उन्हें शून्यकाल में अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। इसके बावजूद, जैसे ही सांसद गिरिधारी यादव ने प्रश्नकाल का पहला प्रश्न उठाया, विपक्ष ने नारेबाजी तेज कर दी। इस दौरान कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय बुनकर आयोग से जुड़े सवाल का जवाब दिया।

LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रिजिजू: संसद चलाना जरूरी, बहुमत से बिना चर्चा भी पास हो सकते हैं बिल

प्रदर्शन के बीच केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “देश को चलाने के लिए संसद की कार्यवाही का सुचारू रूप से चलना बेहद जरूरी है। अगर संसद सही तरीके से नहीं चलेगी, तो इसका नुकसान देश के साथ-साथ विपक्ष के सांसदों को भी होगा। हमारे पास बहुमत है, इसलिए हम बिना चर्चा के भी बिल पास कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करना हमारी प्राथमिकता नहीं है।”
अडाणी मामले पर उन्होंने कहा, “अगर किसी भारतीय के खिलाफ किसी दूसरे देश की अदालत में आदेश आता है, तो क्या हम हर बार संसद में इसकी चर्चा करेंगे?”

राज्यसभा में कार्यवाही

राज्यसभा की कार्यवाही भी शुरू हुई। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने विदेश मामलों से संबंधित संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। वहीं, भाजपा के बाबूराम निषाद ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण से जुड़ी स्थायी समिति का वक्तव्य सदन में रखा।

फिर हंगामा

सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पक्ष और विपक्ष के फ्लोर लीडर्स के साथ बैठक की थी, जिसमें सहमति बनी थी कि दोनों सदन शांतिपूर्ण तरीके से चलाए जाएंगे। विपक्ष की कुछ मांगों को भी स्वीकार किया गया था। इसके बावजूद, मंगलवार को 11 बजे जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया।


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