Price Hikes : महंगाई ने तोड़ी आम आदमी की कमर, दाल से लेकर आटा के दाम हुए महंगे

Spread the love

रायपुर। Price Hikes : बढ़ती महंगाई ने सबकी कमर तोड़ कर रख दी है। लॉकडाउन में बढ़े हुए दाम जहां कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है। वहीं छत्तीसगढ़ में लोगों की रोजमर्रा की चीज़ों के दाम बढ़ने लगे है। अब फसल ख़राब होने के चलते सब्जी से लेकर आटा तक महंगा हो गया है। ऐसे में कम आय वाले घरों की स्थिति ओर तंग होने जा रही है। बाजार में आज जरुरी चीज़ों के कीमतें बढ़ गई है।

दाल

Price Hikes : वैज्ञानिकों के अनुसार, दाल में सबसे ज्यादा पौष्टिक तत्व होते है। दाल को हाई प्रोटीन का स्त्रोत भी कहा जाता है। आंगनवाड़ी से लेकर बोर्डिंग स्कूल तक यहां तक कि फौजी की ट्रेनिंग सेंटर कैम्पस में भी दाल को मुख्य तौर पर भी दिया जाता है। इन दिनों अरहर की दाल लोकल दुकानों में 140 से 150 रुपये किलो में मिल रही है। उड़द और मूंग के दामों में भी बढ़त जारी है।

आटा

Price Hikes : ऐसे कई लोग है, जिन्हे चावल खाना मना है। जिस वजह से लोग रोटी खाने पर निर्भर है। वहीं रोटी को रात में खाने से शरीर में रक्त प्रभाव अच्छा रहता है। विक्रेता 40 रुपये से कम प्रति किलो में ठीक-ठाक गेंहूं नहीं दे रहे हैं। अभी पांच- छह महीने तक पांच किलो आटा 150 रुपये के रेट पर यानी 30 रुपये प्रति किलो में मिल जा रहा था।

पर अब लोकल चक्की में भी आटा 40-42 रुपये किलो से कम में नहीं मिल रहा है। पैकिंग वाला तो और भी महंगा है। दाल और गेहूं के बढ़ते रेट देखकर सरकार की पेशानी पर भी बल पड़ गए हैं। थोक और फुटकर विक्रेताओं के पास इनके स्टाॅक की अधिकतम सीमा तय कर दी गई है।

टमाटर

टमाटर के भी दाम तेजी से उछाल मार रहे है। एक किलो टमाटर 50 रुपये से कम में किसी भी रोड साइड दुकान पर आपको नहीं मिलेगा। क्वालिटी बढ़िया हो तो रेट और ज्यादा। नतीजतन एक किलो लेने वाले आधा किलो पर, और आधा किलो लेने वाले एक पाव पर आ गए हैं। सब्ज़ी विक्रेताओं का कहना है कि अभी रेट और चढ़ेगा। 70-80 तक जल्दी ही जाएगा।

अदरख

आम आदमी चाहे गर्मी हो या ठंडी, वह चाय पीना नहीं छोड़ता। अदरख की तरफ हाथ बढ़ाने में आम लोगों को हिचक होने लगी है। फुटकर रेट की बात करें तो इस समय 15 रुपये में करीब 60 ग्राम अदरख मिल रही है। और ऐसे में वही होता है ‘ज़रूरी नहीं है, तो छोड़ देते हैं लेना’… तो छोड़ भले दिया पर मनचाहा स्वाद भी हिस्से से बाहर हो गया।

गाजर

टमाटर के दाम 20 रुपये पाव तक वसूले जा रहे हैं। 15 में कहीं- कहीं मुश्किल से मिल रही है। यानी सलाद की प्लेट से लाल- नारंगी रंग तो विदा ही हो गया समझिए। विटामिनों की चिंता पैसे वालों को मुबारक।

हरी सब्ज़ी

हरी सब्ज़ियां भी महंगाई में पीछे नहीं है। आमतौर पर भिंडी, बैंगन, बरबटी जैसी सब्ज़ियां भी 40 रुपये प्रति किलो से कम नहीं हैं। करेला, गोभी 50से 60 रुपये किलो में बिक रहे हैं।छत्तीसगढ़ के लोगों की पसंदीदा सब्जी मुनगा 20 रुपये पाव और पालक भाजी 15 रुपये पाव मिल रही है। वहीं शिमला मिर्च 80 रुपये किलो जा पहुंची है। कद्दू- लौकी ही हमेशा की तरह शराफत दिखा रहे हैं। सब्ज़ियों के रेट आगे और बढ़ने का अंदेशा है।


Spread the love