रायपुर। आरंग के छोटे से ग्राम कुतेशर में जन्मे राजेंद्र रंगीला को सामाजिक चेतना और दलित उत्थान के लिए गुरु घासीदास सम्मान मिलने जा रहा हैं। लोक गायक राजेंद्र रंगीला छोटे उम्र से ही गुरु घासिदास बाबा जी के गीत की रचना कर गए रहे हैं। और बाबा जी के सन्देश को देशभर में फैला रहे हैं। उन्होंने अपने छोटे भाई को साथ पंथी टीम बनाया जो देश के कोने-कोने में प्रस्तुति देते हैं।
साथ ही गायन के माध्यम से गुरु घासीदास जी के संदेशों को छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव में फैला रहे हैं। राजेंद्र रंगीला बाराडेरा धाम के संगठन में जुड़कर प्रतिवर्ष विशाल मेला में सहभागिता निभाते हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ के कोने-कोने तक राजेंद्र रंगीला लोकर व मानव कल्याण सेवा समिति से प्रतिवर्ष ग़रीब बच्चों का शिक्षण खर्चा उठाया और प्रतिवर्ष 10 निर्धन कन्याओं का विवाह इस संस्था के माध्यम करते है।
इस कार्य को अनेकों सामाजिक संगठनों ने राजेंद्र मिलन रंगीला के जोड़ी को सराहा और प्रोत्साहित किया गया। आज राजेंद्र मिलन रगीला जी के 15 हज़ार से अधिक गाना अनेंको माध्यम से सुने और देखे जा सकते है। साथ ही इनके लोक संस्कृति से ओतप्रोत राजेंद्र रंगीला लोकरंग 40 सदस्यों से सज्जित भारत देश के सभी प्रांतों में स्टेज शो की जा रही है। आज राजेंद्र रंगीला जी को छत्तीसगढ़ के गुरुघसीदास सम्मान से नवाज़ा जायेगा।