न्यूयॉर्क। अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य लोगों पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को ₹2,029 करोड़ ($265 मिलियन) रिश्वत देने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। अभियोजन पक्ष का दावा है कि सौर ऊर्जा अनुबंधों को सुरक्षित करने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई, जिससे अगले 20 वर्षों में 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा होने का अनुमान था। इसके साथ ही, अडानी ग्रीन एनर्जी के लिए 3 बिलियन डॉलर का ऋण और बॉन्ड जुटाने के दौरान भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के प्रयासों का आरोप लगाया गया है।
आरोपों के अनुसार, षड्यंत्रकारियों के बीच संवाद में गौतम अडानी को “न्यूमेरो ऊनो” और “द बिग मैन” जैसे कोडनामों से संदर्भित किया गया। अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अभियोजकों ने वारंट को विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजने की योजना बनाई है। इसके अलावा, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने अडानी और सह-प्रतिवादी सिरिल कैबनेस समेत अन्य के खिलाफ दीवानी आरोप दायर किए हैं।
शेयर बाजार पर असर
इन आरोपों के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स: 584.87 अंक गिरकर 76,993.51 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 50: 202.40 अंक गिरकर 23,316.10 पर आ गया। निवेशकों की चिंता इन आरोपों और उनके संभावित प्रभावों को लेकर स्पष्ट है।