9 महीने बाद धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स, NASA ने किया वापसी का ऐलान, दुनिया देखेगी लाइव

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार धरती पर लौटने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने पुष्टि की है कि दोनों की वापसी स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन यान से होगी, जो अमेरिका के फ्लोरिडा तट पर उतरेगा। यह ऐतिहासिक घटना पूरी दुनिया लाइव देख सकेगी। NASA ने घोषणा की है कि यह लाइव प्रसारण सोमवार रात 10:45 बजे (भारत में 18 मार्च सुबह 8:30 बजे) से शुरू होगा, जब ड्रैगन कैप्सूल का हैच बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी और यह स्ट्रीमिंग पृथ्वी पर उतरने तक जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार, स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन यान मंगलवार शाम 5:57 बजे (भारत में 19 मार्च, बुधवार तड़के 3:27 बजे) अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर फ्लोरिडा तट पर उतरेगा। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स बीते साल 5 जून 2023 को अपने मिशन पर अंतरिक्ष में गए थे, जहां उन्हें केवल एक सप्ताह रहकर वापस लौटना था। हालांकि, बोइंग स्टारलाइनर यान में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उनकी वापसी में नौ महीने की देरी हो गई। इस दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रुके और वैज्ञानिक प्रयोगों में सक्रिय रूप से योगदान दिया। NASA ने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की मेहनत की सराहना की और उनके कार्यों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया, जिन्होंने न केवल स्पेस स्टेशन की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा किया बल्कि नए रिकॉर्ड भी बनाए। उनके साथ दो अन्य यात्री, NASA के निक हेग और रूस के रोस्कोस्मोस कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव, भी इसी यान के जरिए पृथ्वी पर लौटेंगे।

सुनीता विलियम्स की ऐतिहासिक वापसी: अंतरिक्ष में नौ महीने के मिशन के बाद सुरक्षित लौटेंगी धरती पर

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में काम करने वाली सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में से एक मानी जाती हैं और भारतीय मूल की होने के कारण भारत में भी उनकी इस वापसी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। NASA के अंतरिक्ष अभियानों के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण मिशन माना जा रहा है, क्योंकि तकनीकी खराबी के कारण देरी के बावजूद मिशन को सुरक्षित रूप से अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। NASA की ओर से कहा गया है कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है, हालांकि इसके लिए विशेषज्ञों की एक विशेष टीम उनकी वापसी के बाद मेडिकल परीक्षण करेगी और आवश्यक स्वास्थ्य उपायों का पालन किया जाएगा। NASA के कार्यक्रम प्रबंधक स्टीव स्टिच ने इस बारे में कहा, “बुच और सुनीता ने स्पेस स्टेशन में शानदार काम किया है और हम उन्हें वापस लाने के लिए उत्साहित हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी वापसी सुरक्षित हो और इसके लिए हर तरह की तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।” उल्लेखनीय है कि जब सुनीता विलियम्स और उनकी टीम अंतरिक्ष में थीं, तब उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए, जिनमें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (Microgravity) पर आधारित प्रयोग, स्पेस टेक्नोलॉजी टेस्टिंग, और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई रणनीतियों पर अध्ययन शामिल था। उनके द्वारा किए गए कार्य भविष्य के चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। सुनीता विलियम्स ने अपने समय को “हैप्पी प्लेस” करार दिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह स्पेस स्टेशन पर रहकर काफी सहज महसूस कर रही थीं। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, इतने लंबे समय तक स्पेस में रहने से शरीर पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसे कि मांसपेशियों की कमजोरी, हड्डियों का घनत्व कम होना, और रक्त संचार प्रणाली पर प्रभाव, जिसके चलते उनके पृथ्वी पर लौटने के बाद विशेष पुनर्वास कार्यक्रम की आवश्यकता होगी।

नौ महीने बाद धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स, NASA ने किया भव्य स्वागत समारोह का आयोजन

NASA ने इस वापसी को लेकर एक भव्य स्वागत समारोह की भी योजना बनाई है, जिसमें अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारी, वैज्ञानिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। अमेरिका के साथ-साथ भारत में भी सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि भारतीय मूल की होने के कारण वह भारत के लोगों के लिए गर्व का विषय हैं। उन्होंने अपने अंतरिक्ष अभियानों के दौरान पहले भी कई रिकॉर्ड बनाए हैं और अब इस लंबे मिशन के साथ एक और उपलब्धि अपने नाम करने जा रही हैं। उनके अंतरिक्ष करियर की बात करें तो उन्होंने दो बार ISS में महत्वपूर्ण मिशनों के लिए यात्रा की और अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। उनके इस मिशन से पहले, वह 2006-2007 में 195 दिन और 2012 में 127 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। उनके नाम अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय तक वॉक करने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री होने का रिकॉर्ड भी है। इस बार के मिशन में उन्होंने अपने अनुभव का उपयोग करते हुए कई तकनीकी सुधारों पर भी काम किया और भविष्य में होने वाले अभियानों के लिए मूल्यवान जानकारियां जुटाईं। NASA के अनुसार, उनका यह मिशन विशेष रूप से स्टारलाइनर यान की असफलता के कारण चर्चा में रहा, क्योंकि इस तकनीकी गड़बड़ी ने यह सवाल खड़ा किया कि क्या भविष्य में ऐसे अभियानों को और सुरक्षित बनाया जा सकता है। स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन का उपयोग कर उनकी सुरक्षित वापसी यह दर्शाती है कि इस तकनीक में काफी सुधार किए गए हैं और यह भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन सकता है। NASA और स्पेसएक्स ने मिलकर इस मिशन को सफल बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाया और यह सुनिश्चित किया कि अंतरिक्ष यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

इस मिशन की सफलता के बाद, NASA आने वाले वर्षों में चंद्रमा और मंगल के लिए और अधिक महत्वाकांक्षी अभियानों की योजना बना रहा है और इसमें सुनीता विलियम्स जैसी अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन की सफलता के साथ अपनी क्षमताओं को साबित किया है। ऐसे में, भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी भारत के लिए भी खास मायने रखती है। अब पूरी दुनिया की नजरें 19 मार्च की ऐतिहासिक वापसी पर टिकी हुई हैं, जब सुनीता विलियम्स और उनकी टीम आखिरकार धरती पर लौटेंगी और इस लंबे अंतरिक्ष प्रवास का अंत होगा।

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