PM Resign : प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा, प्रवासन नीति पर सहमति न बनने से सरकार का पतन, जल्द होंगे चुनाव!

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हेग। PM Resign : प्रधानमंत्री ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। प्रवासन निति पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते गठबंधन वाली सरकार गिर गई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई संकट वार्ता में चार सहयोगी दल सहमति नहीं बना सके। इस गठबंधन वाली सरकार का गठन करीब डेढ़ साल पहले हुआ। हालांकि पिछले कुछ समय से प्रवासन निति पर सरकार में शामिल दलों के बीच मतभेद सामने आने लगे थे।

प्रधानमंत्री ने आपात कैबिनेट बैठक के बाद शुक्रवार शाम को मीडिया से बातचीत में सरकार गिरने से पुष्टि की है। वह आज यानी शनिवार को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हालांकि, पीएम ने कहा कि नए सिरे से चुनाव होने तक सभी मंत्री कार्यवाहक कैबिनेट के रूप में अपना काम जारी रखेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री रूट ने ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक के बाद शुक्रवार देर रात हेग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह कोई राज नहीं है कि आव्रजन नीति पर गठबंधन सहयोगियों के बहुत अलग विचार हैं। आज दुर्भाग्य से यही निष्‍कर्ष है कि वे मतभेद पाटे जाने लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा, “यह निर्णय हम सभी के लिए कठिन है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए भी। यह अफसोस की बात है कि यह सफल नहीं रहा।

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PM Resign : हेनीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रवासन नीति पर गठबंधन दलों के बीच मतभेदों के बाद डच सरकार गिर गई। उन्होंने कहा कि वह शनिवार को किंग विलेम-अलेक्जेंडर (King Willem-Alexander) को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रुटे की वीवीडी पार्टी पिछले साल शरणार्थी शिविरों को लेकर हुए विवाद के बाद शरण चाहने वालों के प्रवाह को सीमित करने की कोशिश कर रही थी। बता दें, नीदरलैंड में शरण चाहने वालों के आवेदन पिछले साल एक तिहाई से अधिक बढ़कर 47,000 से अधिक हो गए। इस साल की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि 2023 में शरण चाहने वालों के लगभग 70,000 आवेदन आ सकते हैं।

प्रधानमंत्री रुटे की सरकार ने इस सप्ताह एक योजना को लागू करने की कोशिश की, जिसमें नीदरलैंड में युद्ध शरणार्थियों के रिश्तेदारों की संख्या को प्रति माह केवल 200 लोगों तक सीमित करने का प्रावधान शामिल था। लेकिन गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया।

रुटे ने अपने मंत्रिमंडल के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि यह निर्णय हमारे लिए बहुत कठिन था। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के बीच विचारों में मतभेद को खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों ने समाधान खोजने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन दुर्भाग्य से प्रवासन नीति पर मतभेदों को दूर करना असंभव है।


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