नई दिल्ली। Chandrayaan 3 Launching : भारत और साइंस की दुनिया के लिए कल बड़ा दिन होने वाला है। चंद्रयान 2 के असफल होने के बाद अब चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग होने जा रही है। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से 14 जुलाई के दोपहर 2:35 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन चंद्रयान 3 को लॉन्च करेगा। लॉन्चिंग से पहले ISRO के वैज्ञानिक मिशन की सफलता के लिए तिरुपति मंदिर में पूजा करने के लिए पहुंचे।
चंद्रयान-3 के मॉडल के साथ की पूजा
Chandrayaan 3 Launching : मंदिर में वैज्ञानिकों की एक टीम ने चंद्रयान 3 के मॉडल के साथ पूजा की है। हर बड़े मिशन से पहले इसरो के वैज्ञानिक मिशन की सफलता के लिए तिरुपति मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर धीरे से उतरना और रोवर के साथ इसका पता लगाना है।
यह मिशन अगर सफल होता है, तो दुनिया में भारत चौथा देश होगा जिसे यह उपलब्धि हासिल होगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन सफल लॉन्चिंग कर चुके हैं। बता दें कि इससे पहले साल 2019 में विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से चंद्रयान 2 मिशन सफल नहीं हो पाया था।
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डिजाइन में फूंकी जान
Chandrayaan 3 Launching : इसरो (ISRO) के वैज्ञानिको के द्वारा कई टेस्टिंग के बाद लैंडर के डिजाइन को अपग्रेड किया गया है। ताकी इस बार मिशन पूरी तरह से सफल हो पाए। इसके लिए पिछली बार की तुलना में लैंडर को मजबूत बनाया गया है। इसमें बड़े और शक्तिशाली सौर पैनल का इस्तेमाल किया गया है। चंद्रयान 3 की स्पीड को निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त सेंसर लगाए गए हैं। जिससे किसी भी प्रकार की गलती ना हो पाए।
चंद्रयान-3 को चंद्रमा (Moon) की सतह पर पहुंचने से पहले करीब 3.84 लाख किलोमीटर दूरी तय करना होगा। यह 23-24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। चंद्रयान का वजन 2,148 किलो है। इसका लैंडर 1,723.89 किलो का है। चंद्रयान अपने साथ 26 किलो का रोवर ले जा रहा है।