नई दिल्ली। आज फिर अंतरिक्ष में भारत का डंका बजने वाला हैं। इसरो (ISRO) का सोलर मिशन आदित्य एल1 (Aditya L1) आज अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगा। इस पर इसरो ने बताया कि कि भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य एल 1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित उसकी अंतिम कक्षा में आज स्थापित करने के लिए सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। शाम करीब 4 बजे लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) के आसपास एक कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
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बता दे कि पृथ्वी और सूर्य के बीच लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य के सामने की दिशा में स्थित है। इस बिंदु पर मिलने वाली शानदार स्थिरता के कारण इसरो का लक्ष्य आदित्य एल1 को लैग्रेंज पॉइंट 1 (एल1) पर स्थापित करना है। L1 पर गुरुत्वाकर्षण बल एक स्थिर वातावरण बनाते हैं. जिससे यह वैज्ञानिक अवलोकनों और अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है। जिससे बड़े खगोलीय पिंडों के संबंध में सापेक्ष स्थिरता सुनिश्चित होती है।
आदित्य एल वन मिशन को पांच साल के लिए बनाया गया है। हालांकि अगर सही सलामत रहा तो यह 10-15 साल तक काम कर सकता है। सूर्य से जुड़ा डेटा भेज सकता है।
कब-क्या हुआ
- 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य एल वन का प्रक्षेपण।
- 03- 15 सितंबर को अंतरिक्ष यान ने विभिन्न चरणों को पूरा किया।
- 19 सितंबर को सूर्य-पृथ्वी एल वन प्वाइंट की ओर बढ़ा।
- 30 सितंबर को पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला।
- 1 दिसंबर को आदित्य सोलर विंड पार्टिकल्स एक्सपेरिमेंट में सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर पेलोड शुरू।
- 6 जनवरी को आदित्य एल वन यान गंतव्य कक्षा में पहुंचेगा।