तिरुपति मंदिर प्रसाद मामले के बाद अब छत्तीसगढ़ के मंदिरों में भी प्रसाद की गुणवत्ता की होगी जांच, खाद्य विभाग ने जारी किया आदेश

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

राजनांदगांव। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम लड्डू में फिश ऑयल और चर्बी वाला विवाद जारी है। अब अन्य राज्यों के बाद छत्तीसगढ़ के भी प्रमुख मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद की गुणवक्ता की जांच होगी। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, पाताल भैरवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।

जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी डोमेन ध्रुव ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में स्थित प्रमुख मंदिरों के प्रसाद की अब जांच होगी। इसका सैंपल लेकर टेस्ट किया जाएगा। प्रसाद किस खाद्य सामग्री से बनाया जा रहा है, उसका भी सैंपल लिया जाएगा। अधिकारी डोमेन ध्रुव ने बताया कि राजनांदगांव स्थित मां पाताल भैरवी मंदिर, डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, श्रृंगारपुर स्थित बालाजी मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों से प्रसाद का सैंपल लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें प्रसाद में देवभोग (सरकारी डेयरी) के दूध का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में वटेश्वर भगवान को चढ़ाने वाले प्रसाद में मछली का तेल और जानवर के चर्बी के मिलावट होने की बात सामने आई है। कई संगठनों ने इसे हिंदुओ की आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है तथा दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की गई है।

 


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