रायपुर। Akshaya Tritiya 2023 : देशभर में कल अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। कई लोग इस बार अक्षय तृतीया की तारीख को लेकर थोड़ा असमंजस का सामना कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको बता दे कि महापुण्यदायिनी अक्षय तृतीया का पर्व कल यानी 22 अप्रैल को है।
अक्षय तृतीया का महत्त्व
सनातन धर्म ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया, बसंत पंचमी और विजयदशमी सार्वभौमिक रूप से वर्ष के श्रेष्ठतम मुहूर्त हैं। इन मुहूर्तो में किए गए किसी भी तरह के शुभ-अशुभ कार्य का फल निष्फल नहीं होता। अर्थात यदि आप अच्छे कर्म करते हैं तो उसका फल भी अच्छा ही मिलता है।
पूर्वी भारत में अक्षय तृतीया 23 को
पूर्वी भारत के राज्य पूर्वी बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा, असम अथवा कहीं भी जहां इसदिन सूर्योदय 5 बजकर 15 मिनट से पहले हो रहा हो वहां पर ‘अक्षय तृतीया’ तिथि 23 अप्रैल रविवार को त्रिमूर्ति रहेगी, अतः ऐसे में उन स्थानों पर यह पर्व 23 अप्रैल रविवार को ही मनाया जाएगा। इसका निर्धारण आप स्थानीय सूर्योदय के अनुसार ही कर सकते हैं।
सोना खरीदने का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग, शुभ योगों के महासंयोग, सर्वसिद्ध मुहूर्त व अबूझ मुहूर्त में सोना, मोती, रत्न, स्थिर संपत्ति आदि खरीदने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. अक्षय तृतीया के दिन सोना, रजत, धातु, रत्न व अन्य शुभ वस्तुओं की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है. इससे घर में सुख-समृद्धि, संपन्नता में वृद्धि, अक्षय लाभ व लक्ष्मी माता का वास होता है.
मिट्टी के बर्तन खरीदना होता है शुभ
शास्त्रों में मिट्टी की तुलना स्वर्ण से की गयी है. किसी कारणवश अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदी नहीं कर सकते तो मिट्टी का पात्र या मिट्टी का दीपक भी घर लाना सोना के बराबर शुभ फल देगा.