लखनऊ। Bakrid 2023 : यूपी की राजधानी लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें मुसलमानों से ईद-उल-अजहा मतलब बकरा ईद के चलते जानवरों की कुर्बानी की फोटोज सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने को कहा गया है।
बता दे कि देशभर में 29 जून को ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाएगा। इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने दिशा-निर्देश में बताया कि मुस्लिम समुदाय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दे, जिन पर कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
एडवाइजरी में ये निर्देश-
- कुर्बानी करते वक्त कानूनी प्रावधानों का रखें ध्यान
लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि कुर्बानी करते समय कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। स्वच्छता सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुर्बानी किसी भी खुले स्थान या सड़क के किनारे या सार्वजनिक जगहों पर नहीं की जानी चाहिए। - अपशिष्ट को लेकर एडवाइजरी में क्या कहा गया है?
एडवाइजरी में बताया गया है कि कुर्बानी के पश्चात् जानवर के अपशिष्ट को सड़कों या सार्वजनिक जगहों पर नहीं फेंका जाना चाहिए, बल्कि नगर निगम के कूड़ेदान के भीतर रखा जाना चाहिए। मौलाना फिरंगी महली ने कहा है कि हमें कुर्बानी करते वक़्त दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। - कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में ना बहाया जाए
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में नहीं बहाया जाए। साथ ही कहा गया है कि जानवरों के मांस को बांटने का काम ठीक से पैक कर किया जाना चाहिए एवं कुर्बानी के गोश्त का एक तिहाई भाग निर्धनों एवं जरूरतमंदों में बांटा जाना चाहिए।