बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) ने भाटिया वाइन्स को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर कोर्ट हस्तक्षेप ना करे तो क्या लोगों को जहर पिलाएंगे। लोगों के जानमाल की चिंता भी है या नहीं। दरअसल मुंगेली जिले के धूमा स्थित भाटिया वाइंस से निकलने वाले प्रदूषित पानी की वजह से शिवनाथ नदी में हजारों मछलियों की मौत हो गई थी। मीडिया की खबर पर हाईकोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया। अब मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर की होगी।
13 अगस्त को बोर्ड ने बताया कि 22 और 23 जुलाई को फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था। फैक्ट्री में शर्तों का उल्लंघन करना पाया गया है। जांच में यह भी पाया गया है कि जहां फैक्ट्री का जहरीला पानी छोड़ा जा रहा था वहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य था। इस पर क्षेत्रीय कार्यालय ने 8 लाख 70 हजार रुपए जुर्माना लगाया और खामियों को दूर करने कहा। इधर भाटिया वाइंस ने सुनवाई के दौरान बताया कि पेनाल्टी जमा कर कमियां दूर कर ली गई है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डीविजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि नियमों के अनुसार फैक्ट्री खोलने पर उचित आदेश जारी करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण मंडल स्वतंत्र है।