रायपुर : केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल आज छातीसगढ़ की राजधानी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा की। जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर धान के मुद्दे को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता को धान के मामलें में भ्रमित करने का काम कर रही है। इस कॉन्फ्रेंस के बाद मुख्यमंत्री का भी पलटवार सामने आया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल को लेकर पत्र भी लिखा था। इसमें मुख्यमंत्री ने लिखा कि 130 लाख टन के अनुसार बनने वाले परिणामी चावल की 86.5 लाख मीट्रिक टन मात्रा को घटाते हुए 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। साथ ही नये जूट बारदानों की आपूर्ति मात्रा को कम करते हुए 3.56 लाख गठान के स्थान पर 2.45 लाख गठान किया गया है।
इस पूरे मामलें पर केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि काफी शिकायतें आ रही थी, जिसके बाद निरीक्षण करने के लिए रायपुर आया। 2019 में छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच हुए MoU उल्लेख करते हुए बताया कि 18 पैराग्राफ/क्लॉस में साफ-साफ लिखा है कि राज्य सरकार जिनता धान खरीदेगी और उसका चावल बनाकर देगी, उतना केंद्र सरकार लेगी। हाल में सीएम बघेल ने पत्र लिखा जिसमें डेढ़ गुना चावल खरीद के चावल खरीदेगी।
2022-23 में राज्य सरकार ने पहले 61 लाख टन चावल केंद्रीय पूल में देने की बात कही थी, बाद में उसे घटाकर 58.65 लाख टन कर दिया। इस 58.65 लाख टन में से भी 13 सितंबर की स्थिति में राज्य सरकार केवल 53 लाख टन चावल ही एफसीआई में जमा कर पाई है, जबकि चावल जमा करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हर साल राज्य सरकार चावल जमा करने की समय सीमा बढ़वाती है, क्योंकि समय पर आपूर्ति नहीं कर पाती है। और पत्र में बताया गया है कि धान इस वर्ष और घटा है, इससे साफ़ जाहिर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है।
राज्य सरकार की वेबसाइट में उत्पादन घटने की बात
केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने राज्य सरकार की वेबसाइट (Agriculture Development and Farmer Welfare and Bio-Technology Department) में 2022-23 में आउटपुट 20.9 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन हो रहा है तो 66 प्रतिशत चावल होता है। 13 क्विंटल चावल हुआ 15 क्विंटल भी नहीं है तो 20 क्विंटल कैसे करेंगे। 13 क्विंटल प्रति एकड़ का औसत बनता है। उससे मुझे लगा कि दाल में कुछ काला है। ध्यान में आया कि या तो राजनीतिकरण चल रही है या भ्रष्टाचार चल रहा है। आसपास से चावल लेकर पैसा खाने की स्कीम है। चुनावी वर्ष में स्कैंडल करने जा रहे हैं। और इसकी पुष्टि के लिए और एक प्रमाण हमारे सामने आया कि पिछले वर्ष धान खरीदी 107 लाख टन (Chhattisgarh Paddy Procurement) खरीदी की। उसमें से 20 लाख राज्य सरकार के लिए रख लिया, सिर्फ 87 लाख टन धान केंद्र पूल में डाला। 30 लाख टन का फर्क है इसमें कुछ न कुछ घोटला करने जा रही है राज्य सरकार, लेकिन अब पर्दाफाश हो गया है।
उन्होंने 2022 और 2023 में राज्य के सचिवों के साथ हुई बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि 12 सितंबर 2022 को हुई बैठक में छत्तीसगढ़ से का 61 लाख टन सहित देशभर से 518 टन चावल लेने का लक्ष्य था। इस वर्ष छत्तीसगढ़ का 61 लाख है और पूरे देश का 521 टन लक्ष्य है। सभी राज्यों का 2-4 लाख का आंकड़ा कम-ज्यादा होते रहता है, जो कि पिछले वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर। लेकिन छत्तीसगढ़ की पिछली साल का भी प्रदर्शन ख़राब है।
छत्तीसगढ़ चावल जमा करने के लिए टाइम बढ़ाते जाता है और नया धान आता तो उसमें से चावल बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया जाता है। इसे बैंकिंग की भाषा में टीमिंग एंड लिडिंग कहते हैं। जेब तो खाली है जो भविष्य का पैसा आना है उसके आधार पर वादा करके खर्च कर देते हैं। सीजी की यह सरकार इस तरह से भ्रमित करती है।
मोदी सरकार ने 9 वर्ष में MSP में 800 रुपये की वृद्धि की
उन्होंने कहा कि इस मंच से किसाना भाई बहनों को बताना चाहता हूं कि राज्य सरकार इस वर्ष पूरा चावल तुरंत एफसीआई को भेजे। और अगले वर्ष भी जिनता राज्य में चावल बनाकर देगी एमओयू के क्लॉस 18 के अनुसार से शत प्रतिशत चावल हम लेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने 9 वर्षों में धान की एमएसपी 800 रुपये बढ़ाया है।
गोयल ने बताया कि यूक्रेन युद्ध के कारण फर्टिलाइजर के दाम बढ़े हैं, यह पूरा भार केंद्र सरकार ने अपने ऊपर लिया है। यह कांग्रेस और यूपीए की तरह नहीं है कि खाद्य के लिए किसानों को प्रदर्शन करना पड़े। हमारी कोई मंशा नहीं है कि किसानों को भ्रमित किया जाए, भूपेश बघेल की तरह। केंद्र सरकार राज्यों को पूरा खाद्य पहुंचाती है।
मंत्री गोयल ने कहा होर्डिंग देखें जिसमें लिखा है कि 2500 हजार रुपये में धान खरीद रहे हैं। यह तो और बड़ा झूठ है। राज्य सरकार ने केंद्र की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का कॉपी किया। केंद्र का 6 हजार रुपये हर किसान को मिलता है, चाहे वह धान की खेती करे या किसी अन्य का। राज्यों के लिए किसानों की योजना का हम स्वागत करते हैं।
बारदना को लेकर उन्होंने बताया कि 86 लाख टन के हिसाब से जूट कार्पोरेशन को आर्डर दिया गया था, लेकिन जब पिछले साल का 53 टन भी नहीं आया है। इनकी 61 लाख टन चावल देने की क्षमता नहीं है। गोयल ने कहा कि पहले पिछले वर्ष का 61 लाख और उसका पूरा हिसाब दें। वहीं अगले वर्ष 81 नहीं 100 लाख टन दे केंद्र सरकार खरीदने को तैयार है। उन्होंने कहा कि मैं चुनौती देता हूं, भूपेश बघेल जनता से माफ़ी मांगे जो उन्होंने झूठ और भ्रमित करने का काम किया है। चुनाव में अपने दामन को बचाना चाहते हैं।