Big Breaking : लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी किया घोषणा पत्र, महिलाओं को 1 लाख, किसानों का कर्ज माफ, जातीय जनगणना समेत किए ये बड़े वादे

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणापत्र में पार्टी के पांच न्याय- ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’- को शामिल किया गया है।

एक नजर कांग्रेस ने 5 योजनाओं पर

1. महालक्ष्मी गारंटी: इसके तहत सभी गरीब परिवार की एक महिला को सालाना 1 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।

2. आधी आबादी-पूरा हक: इसके तहत केंद्र सरकार की नई नियुक्तियों में आधा हक महिलाओं को मिलेगा।

3. शक्ति का सम्मान: इस योजना के तहत आंगनवाड़ी, आशा और मिड-डे मील वर्कर्स के मासिक वेतन में केंद्र सरकार का योगदान दोगुना होगा।

4. अधिकार मैत्री: इसके तहत हर पंचायत में महिलाओं को उनके हक के लिए जागरूक करने और जरूरी मदद के लिए अधिकार मैत्री के रूप में एक पैरा-लीगल यानी कानूनी सहायक की नियुक्ति की जाएगी।

5. सावित्री बाई फुले हॉस्टल: सभी जिला मुख्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए कम से कम एक हॉस्टल बनाएंगे और पूरे देश में इन हॉस्टल की संख्या दोगुनी की जाएगी।

श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी

कांग्रेस ने ‘श्रमिक न्याय’ के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। उसने ‘नारी न्याय’ के अंतर्गत ‘महालक्ष्मी’ गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं। इसके अगले दिन जयपुर एवं हैदराबाद में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

पीएमएलए कानून पर नजर

शुक्रवार को पार्टी द्वारा जारी किए जाने वाले घोषणापत्र में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 को खत्म करने का भी वादा किया जाएगा। इसका दायरा कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तरफ से बढ़ाया गया था। बाद में 2015 और 2019 में संशोधन के माध्यम से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा मजबूत किया गया था।

30 लाख सरकारी नौकरी का वादा

पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। उसने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है।


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