रायपुर। Big News : छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को शिवसागर बांध से जुड़े जमीन मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। टीएस सिंहदेव के खिलाफ लगी जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिसकी जानकारी टीएस सिंहदेव की लीगल टीम ने दी है। यह बात सामने आई कि यह याचिका दुर्भावना से ग्रसित और डिप्टी CM टीएस सिंहदेव की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किया गया था। लीगल टीम ने कहा गया कि डिप्टी सीएम के खिलाफ झूठा मुकदमा करने वालों पर मानहानि का दावा किया जाएगा।
क्या है मामला ?
तरुनीर संस्था के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने डिप्टी CM पर आरोप लगया था कि शिवसागर बांध के तालाब मद की भूमि का डायवर्सन कराकर उसकी खरीद बिक्री किया गया। कैलाश मिश्रा ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। लेकिन जब कोर्ट ने याचिका को देखा तो पाया कि याचिका में जनहित जैसा कोई भी बिंदु नहीं है। लिहाजा हाईकोर्ट ने आरोपों का दरकिनार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की लीगल टीम की ओर से अधिवक्ता संतोष सिंह ने बताया कि तरुनीर समिति के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने 8 दिसंबर 2016 और 11 अगस्त 2017 को कलेक्टर और राज्य शासन से शिकायत की थी। जिसमें ये दावा किया गया था कि टीएस सिंहदेव ने राजनीतिक पद का दुरुपयोग करते हुए 33.18 एकड़ तालाब मद की भूमि को खुली भूमि के तौर पर अंकित करा लिया था। इसके बाद इसकी खरीद बिक्री शुरु हुई.कैलाश मिश्रा ने तालाब की भूमि को तालाब मद में अंकित करने की मांग की थी।
अधिवक्ता संतोष सिंह की माने तो शिवसागर बांध टीएस सिंहदेव की निजी और पैतृक संपत्ति है। पूर्व में सरगुजा महाराज रामानुज शरण सिंहदेव ने भारत शासन से 11 नवम्बर 1948 को हुए अनुबंध के अनुसार इसे अपने निजी स्वामित्व में रखा था। इसका खसरा नंबर 3467 है और रकबा 52.6 एकड़ है। इससे लगी एक अन्य भूमि है जिसका खसरा नंबर 3385 रकबा 2.14 एकड़ कुल मिलाकर 54 एकड़ 20 डिस्मिल भूमि है। पूरी भूमि रिकार्ड में शिवसागर बांध तालाब नाम से अंकित थी। लेकिन इस पूरी भूमि में कभी भी पानी नहीं था।