राजस्थान। Big News : कोटा के कोचिंग सेंटर में बढ़ते आत्महत्या के मामले को देखते हुए राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। साथ ही इस समस्या से निपटने के लिए बनाई गई एक हाई लेवल कमेटी ने कोचिंग संस्थानों में छात्रों में बढ़ते तनाव, मानसिक दवाब और आत्महत्याओं के पीछे की वजहों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।
कोचिंग संस्थानों के लिए जारी हुआ ये दिशानिर्देश
- कोचिंग संस्थानों में स्टूडेंट एडमिशन: छात्रों को 9वीं क्लास से पहले एडमिशन लेने का प्रोत्साहन न करें, अगर 9वीं क्लास से पहले कोई छात्र कोचिंग छोड़ना चाहे तो उसे रोके नहीं और बाकी बची फीस वापस करें। एडमिशन के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट और काउंसलिंग के माध्यम से अभिरूचि का आकलन करने के बाद ही दें। पेरेंट्स की भी काउंसलिंग की जाए। एडमिशन के बाद समय-समय पर पेरेंट्स को बच्चे में हुई प्रगति के बारे में पेरेंट्स को सूचित करें।
- असेस्टेंट टेस्ट एवं बैच सेग्रिगेशन:कोचिंग संस्थान टेस्ट रिजल्ट सार्वजनिक न करें, रिजल्ट की गोपनियता रखते हुए अपने स्तर पर नियमित विश्लेषण करें, जो बच्चा कम नंबर ला रहा या एकेडमिक परफॉर्मेंस कम हो रही है तो उनकी काउंसलिंग करें। असेसमेंट टेस्ट के आधार पर बैचों का सेग्रिगेशन न करें।
- गेटकीपर ट्रेनिंग एवं निगरानी तंत्र: कोचिंग संस्थान अपने संचालकों, शिक्षकों समेत सभी स्टाफ की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गेटकीपर ट्रेनिंग जरूर करवाएं। स्टूडेंट्स बातचीत करें।
- मनोसहाकारों एवं काउंसलर्स की नियुक्ति।
- अवकाश एवं सह सह-शैक्षणिक गतिविधियांक्स।
- इजी-एग्जिट ऑप्शन एवं फीस रिफंज पॉलिसी।
- टेली-मानस एवं अन्य टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार-प्रसार: टेली-मानस के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800894416, 14416 अनिवार्य रूप से डिस्पे करें।
- कोड ऑफ कंडक्ट – कोचिंग संस्थान के प्रबंधन, शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के लिए जरूरी गाइडलाइंस।