लोरमी : BJP ने अरुण साव पर लगाया दांव, कांग्रेस से कौन होगा दावेदार, थानेश्वर या जवाहर… बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा बिगड़ेगा कांग्रेस का समीकरण!

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका है। निर्वाचन आयोग ने तारीख का भी ऐलान कर दिया है। प्रदेश में दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को चुनाव होना है। बीजेपी (BJP) ने 85 और कांग्रेस ने 30 प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाई है। हालांकि कई विधायकों का टिकट भी काट दिया है और जल्द ही दूसरी लिस्ट आएगी।

वहीं लोरमी विधानसभा का चुनाव दिलचस्प होते जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को लोरमी विधानसभा के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं कांग्रेस ने अरूण साव के मुकाबले के प्रत्याशी की तलाश अभी पूरी नहीं हो पाई है।

वहीं अब लोरमी विधानसभा को हाईप्रोफायल सीट के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि लोरमी विधानसभा ने कई नेताओं ने दावेदारी की है। जवाहर साहू, थानेश्वर साहू, लेखनी सोनू चंद्राकर, सागर सिंह बैस ने दावेदारी पेश की है। अब पार्टी इन्हीं नामों में से किसी एक पर दांव लगा सकती है।

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोरमी विधानसभा से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को टिकट मिलने की चर्चा है। इसकी भनक लगते ही विरोध भी देखने को मिला। लोरमी विधानसभा के कार्यकर्ताओं ने करीब 100-200 की संख्या में रायपुर स्थित राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए। सभी ने थानेश्वर साहू को टिकट नहीं देने की मांग की। इतना ही नहीं लिखित में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को ज्ञापन भी दिया गया।

-हाई प्रोफाइल रहेगा लोरमी विधानसभा चुनाव

वहीं अगर पार्टी लोरमी विधानसभा से अरूण साव के खिलाफ जवाहर साहू को मैदान में उतारती हैं तो चुनाव मुकाबले का हो सकता है। इसकी चर्चा भी राजनीतिक गलियारों में हो रही है। बता दें कि लोरमी विधानसभा में सबसे ज्यादा साहू वोटर हैं। ऐसे में लोरमी विधानसभा से कांग्रेस पार्टी साहू पर ही दांव लगाती है तो मुकालबा बेहद दिलचस्प होगा।

-लोरमी विधानसभा में साहू वोटर सबसे ज्यादा

लोरमी विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर साहू समाज के ही हैं, लेकिन यहां विगत तीन पारियों में धर्मजीत सिंह विधायक बनते आए हैं। लोरमी में सालों से कार्यकर्ताओं की बीच काम करने की वजह से साहू उम्मीदवार के रूप में सबसे प्रबल दावेदार जवाहर साहू है। पिछले चुनाव में वे पूर्व जेसीसी नेता धर्मजीत सिंह से मात्र 4000 वोटों पिछड़ गए थे। बावजूद इसके वो पिछले 5 साल में जमीन स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करते दिख रहे हैं।

-जमीनी स्तर पर जवाहर साहू की अच्छी पकड़

अगर लोरमी विधानसभा क्षेत्र का सामाजिक समीकरण देखें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को जवाहर साहू कड़ी टक्कर दे सकते हैं। बता दें कि जवाहर साहू का क्षेत्र के सभी समाजों में अच्छी पकड़ है। समाज के लोगों का कहना है कि लोरमी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के लिए जवाहर साहू ही बेहतर विकल्प हो सकते हैं। अगर पार्टी जवाहर साहू के अलावा दूसरे प्रत्याशी पर दांव लगाती है तो लोरमी का समीकरण बिगड़ सकता है।

-आप और जोगी कांग्रेस भी कम नहीं

वहीं अगर पार्टी सागर सिंह बैस और लेखनी सोनू चंद्राकर पर दांव लगाती है तो भारतीय जनता पार्टी को एक-तरफा लाभ मिल सकता है। लोरमी विधानसभा क्षेत्र में जोगी कांग्रेस की जनाधार की बात करें तो मनीष त्रिपाठी का नाम संभावित चल रहा है। हालांकि ऐलान नहीं हुआ है। वहीं आम आदमी पार्टी से मनभजन टंडन को मैदान में उतारा गया है। ऐसे में लोरमी का समीकरण एक अलग ही नजरिए से देखा जा रहा है।

कार्यकर्ताओं और साहू समाज का मानना है कि अगर पार्टी अरूण साव के खिलाफ थानेश्वर साहू पर दांव लगाती है तो उन्हें बाहरी होने का खामियाजा भुगतना पड़ा सकता है। वहीं स्थानीय प्रतिनिधि होने से अगर पार्टी ने जवाहर साहू को प्रत्याशी बनाया गया तो कांटे कि टक्कर हो सकती है। लोरमी विधानसभा का परिणाम कांग्रेस की झोली में आ सकती है। हालांकि कांग्रेस ने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है 18 या 20 अक्टूबर को दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है।


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