सूरत। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी पहले चरण का ही मतदान हुआ हैं। 26 अप्रैल को दूसरे और 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होना हैं। वहीं चार जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे। लेकिन अभी से भाजपा का जीत का खाता खुल गया हैं। बता दे कि गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से एक सीट सूरत की है, जहां कांग्रेस कैंडिटेड का नामांकन कैंसल होने के बाद बीजेपी ने निर्विरोध ही चुनाव जीत लिया हैं।
7 मई को होना था मतदान
सूरत समेत गुजरात की सभी 26 सीटों पर 7 मई को मतदान होना हैं। जिसके लिए 19 अप्रैल को नामांकन करने की आखिरी तारीख थी और फिर 22 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकते थे। प्रत्याशियों की बात करें तो सूरत सीट से बीजेपी ने मुकेश दलाल को उतारा हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से निलेश कुंभानी उम्मीदवार थे। लेकिन उनका नामांकन निरस्त हो गया हैं।
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बता दे कि निलेश कुंभानी की उम्मीदवारी के लिए तीन प्रस्तावक थे। इनमें से एक थे जगदीश सावलिया, जो निलेश कुंभानी के बहनोई हैं। दूसरे थे ध्रुविन धामेलिया, जो निलेश के भांजे हैं। और तीसरे थे रमेश पोलरा, जो निलेश कुंभानी के बिजनेस पार्टनर हैं। निलेश की उम्मीदवारी वाले फॉर्म पर इन्हीं तीनों के हस्ताक्षर होने की बात निलेश ने चुनाव आयोग को बताई थी पर बीजेपी नेता दिनेश जोधानी की ओर से सवाल उठाए गए कि निलेश कुंभानी के फॉर्म पर जिन तीन लोगों के हस्ताक्षर हैं, वो फर्जी हैं।
इस बीच, कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुंभानी के तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव आयोग में हलफनामा देकर कहा कि वो निलेश कुंभानी के प्रस्तावक हैं ही नहीं. जब आयोग के सामने ये बात आई तो आयोग की ओर से निलेश कुंभानी को प्रस्तावकों को चुनाव आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा। निलेश कुंभानी वकील के साथ तो चुनाव आयोग पहुंच गए पर ऐन वक्त पर निलेश कुंभानी का कोई भी प्रस्तावक आयोग के सामने नहीं पहुंचा। इस मसले पर निलेश कुंभानी ने कहा, ”तीनों प्रस्तावकों से मेरी फोन पर बात हुई थी। तीनों ने ही कहा था कि वो नौ बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, लेकिन अब तीनों के ही फोन बंद आ रहे हैं।”