रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों और सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल निरंतर प्रयासरत हैं। सोमवार को उन्होंने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया और राज्य की कला और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी।
इस पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश की कला, संस्कृति और अमूर्त धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इन योजनाओं से न केवल युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय कलाकारों और संगठनों को भी समर्थन मिला है।
पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (SCZCC) के जरिए छत्तीसगढ़ में कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाई है। बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य के पारंपरिक लोक नृत्यों, जैसे राउत नाचा, पड़की, देवर नाचा और पंडवानी के कलाकारों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। इस पर मंत्री ने हरसंभव कदम उठाने का आश्वासन दिया।
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक मेलों और उत्सवों को आर्थिक सहायता देने के लिए भी योजनाएं बनाई हैं। 2023-24 में राज्य को 57.91 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिली, जिससे 1143 कलाकारों को लाभ हुआ। 2021-22 और 2022-23 में क्रमशः 9.15 लाख और 12.5 लाख रुपये दिए गए, जिससे 675 और 611 कलाकारों को मदद मिली।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने विश्वास जताया कि सरकार के सहयोग से छत्तीसगढ़ के कलाकारों को और अधिक अवसर मिलेंगे और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।