Buddha Purnima 2023 : बुद्ध पूर्णिमा पर 130 साल बाद बन रहा दुर्भल संयोग, जानें क्यों मनाया जाता है यह पर्व, यहां देखें तिथि एवं पूजा का शुभ मुहूर्त…

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रायपुर। Buddha Purnima 2023 : हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाई जाती हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्त भी हुई थी। माना जाता है कि गौतम बुद्ध के जीवन की तीनों महत्वपूर्ण घटनाएं – उनका जन्म, ज्ञान और मोक्ष – वर्ष के एक ही दिन आते हैं। बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं. इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और भारत जैसे कई देशों में रहते हैं।

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भगवान बुद्ध ने जब अपने जीवन में हिंसा, पाप और मृत्यु को जाना तब उन्होंने मोह माया त्याग कर अपने गृहस्थ जीवन से मुक्ति ली और जीवन के सत्य की खोज में निकल पड़े. कई सालों तक बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या कर जब उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई तो यह दिन पूरी सृष्टि के लिए खास दिन बन गया, जिसे वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.

बता दे कि इस बार 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस बार बुद्ध पूर्णिमा का दिन विशेष है, क्योंकि इस दिन दुर्लभ संयोग बन रहा है। पांच मई को बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसके साथ ही ग्रह-नक्षत्रों का भी अजब संयोग बन रहा है। बुद्ध पूर्णिमा पर ऐसा योग 130 साल बाद बन रहा है। आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त।

-तिथि – पूर्णिमा

-आरंभ – 4 मई 2023

-दिन – गुरुवार

-समय – सुबह 11 बजकर 44 मिनट

-समापन – 5 मई 2023

-समय – रात्रि 11 बजकर 3 मिनट

-पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12: 45 मिनट तक रहेगा।

उदय तिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 05 मई शुक्रवार को रहेगी।

बुद्ध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण और सिद्धि योग के साथ है भद्रा काल

ज्योतिष गणना के अनुसार 5 मई को वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। चंद्र ग्रहण 5 मई शुक्रवार को रात्रि 8 बजकर 45 से शुरू होगा और 6 मई की मध्य रात्रि 1 बजे तक रहेगा। इस दिन सिद्धि योग सूर्योदय से प्रातः: 9 बजकर 17 मिनट तक और स्वाति नक्षत्र सुबह से रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं, भद्राकाल सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।


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