Live Khabar 24x7

CG Conjunctivitis Cases : छत्तीसगढ़ में आई फ्लू का खतरा, 10 दिन में मिलें 20 हजार से अधिक मामलें, बरतें ये सावधानियां

July 30, 2023 | by livekhabar24x7.com

 

रायपुर। CG Conjunctivitis Cases : छत्तीसगढ़ में आईफ्लू (conjunctivitis) के लगातार मामलें सामने आ रहे हैं। इस बिमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग समेत पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पिछले दिनों अधिकारियों के साथ कंजंक्टिविटिस बिमारी को लेकर चर्चा की है। जिसके बाद एक गाइड लाइन भी जारी की गई है। यह बिमारी सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों में देखी जा रही थी। अबतक इस बिमारी के बड़ी संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं।

वायरस के बदलाव की आशंका के चलते सैम्पल टेस्ट भी कराया गया है। वायरस की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ सैंपलों का कल्चर एंड सेंसिटिविटी की जांच कराई गई है। वायरस में किसी भी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। अब तक छत्तीसगढ़ में आइ फ़्लू से 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

इस आई फ्लू की बीमारी में प्राथमिक तौर पर आंखों में चुभन एवं आंखों का लाल रंग का दिखना, इसका प्राथमिक लक्षण है, लेकिन यह बीमारी एक वायरस के रूप में लोगों में फैलती जा रही है. रोकने के लिए अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल पर नेत्र रोग विशेषज्ञ को तैनात किया जा रहा है.

डॉक्टर्स के अनुसार, सैंपल टेस्ट में वायरस में कोई बदलाव नहीं होने की बात सामने आई हैं। जिसकी वजह से जिन दवाइयों का उपयोग आम तौर पर कंजक्टिवाइटिस के लिए किया जाता है, वही दवाएं उपयोग होंगी।

जरूर लें चिकित्सकीय सलाह

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis (Pink Eye) ) आंख की आम बीमारी है, जिसे हम आंख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आंख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आंसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है।

कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्राप जैसे जेंटामिसिन, सिप्रोफ्लाक्सिन, माक्सीफ्लाक्सिन, आई ड्राप आंखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है।

बरतें ये सावधानी

चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो संपर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आंखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आंखों को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल संपर्क से ही फैलती है।

RELATED POSTS

View all

view all