CG Fraud Case : वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के साथ हुई ठगी, कंपनी ने ठेका देने के नाम पर ऐंठे 15 लाख रुपए, आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे

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Kanker : CG Fraud Case : भारत सरकार गांव-गांव तक इंटरनेट सेवा के लिए भारत नेट योजना चला रही है। जिसके अंतर्गत केबल की लाइन खुदाई व बिछाई का कार्य किया जारी है। इस कार्य के लिए एक कंपनी ने शहर के ठेकेदार से केबल लाइन बिछाने का ठेका देने के नाम पर ठगी कर ली है।

ठेका लेने वाले ने कंपनी के डायरेक्टर को 15 लाख रुपया दिए थे। मामला थाना पहुंचने के बाद पुलिस नई कार्यै करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

जानकारी अनुसार, मामला कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत अलबेलापारा का है। वन बिहाग के रिटायर्ड कर्मचारी प्रार्थी प्रह्लाद नायक ने थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बतया गया कि उसे नवम्बर 2020 में पता चला कि रायपुर में एक सीडीपीएल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी है, जिसका कार्यालय लालपुर में है। जो भारत नेट के अंतर्गत केबल लाइन खुदाई का काम ठेकेदारों के माध्यम से कर रही है।

CG Fraud Case : उक्त काम में ठेका लेने के लिए वह अपने दामाद के साथ रायपुर कार्यालय पहुंचे। जहां पर उसकी मुलाकात सीडीपीएल कंपनी के डायरेक्टर देवनारायण सिन्हा से हुई। बातचीत के बाद कंपनी के डायरेक्टर ने बताया कि भारत नेट के अंतर्गत केबल लाइन खुदाई व बिछाई का काम नारायण पुर में चल रहा है।

वहां का काम आपको दिया जाएगा। वर्क आर्डर प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको एक कंपनी खोलनी होगी और 15 लाख रूपए सिक्योरिटी डिपॉजिट सीडीपीएल कंपनी में जमा करना होगा।

आरटीजीएस के माध्यम से जमा किए पैसे

 

CG Fraud Case : प्रार्थी ने नायक इंटरप्राइजेज नारायणपुर के नाम की कंपनी बनाई और 27 नवम्बर 2020 को अपने बैंक खाता से 5 लाख 23 रूपए 60 पैसे दो बार कंपनी को दे दिए। यानी कुल 10 लाख 47 रूपए 20 पैसे का आरटीजीएस के माध्यम से जमा करा दिया गया था।

उसी दिन 100 रूपए के स्टाम्प पर सीडीपीएल कंपनी और नायक इंटरप्राईजेस कंपनी के नाम पर अनुबंध तैयार किया गया। जिसकी मूल कॉपी स्वयं रख कर छायाप्रति उसे दे दी गई।

16 जनवरी को फिर से 5 लाख 23 रूपए 60 पैसे का सीडीपीएल कंपनी में जमा कर कंपनी के डायरेक्टर को इसकी जानकारी दिया । डायरेक्टर ने कहा कि एक माह के भीतर केबल बिछाने का वर्क ऑर्डर मिल जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और उन्होंने रुपये भी लौटाने इनकार कर दिए।

 


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