सूरजपुर। CG News : सड़क मत की भूमि पर दबंगों ने कब्जा करके किसी व्यक्ति का निस्तार ही रोक दिया था। जिसके बाद से वह लगातार शासन प्रशासन के सामने गुहार लगा रहा था पर दबंगों के सामने उसकी एक नहीं चल रही थी। जिसके बाद पीड़ित ने उच्च स्तरीय शिकायत के साथ-साथ अपनी बात मीडिया के सामने भी रखी तब जाकर कलेक्टर सूरजपुर ने इस बात पर संज्ञान लिया। जिसके बाद भैयाथान तहसीलदार ने पांचवी बार अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया।
अब सवाल यह उठता है क्या तहसीलदार साहब हाशमी बार अपने आदेश का पालन करवा पाएंगे या फिर 4 बार की तरह पांचवी बार भी खाली हाथ वापस आएंगे? यदि इस बार तहसीलदार साहब अतिक्रमण हटवा लिया तब तो यह माना जाएगा कि तहसीलदार साहब की भूमिका इस मामले में संदिग्ध नहीं थी पर यदि इस बार भी हटा नहीं पाए तो यह मान लिया जाएगा कि दबंगों के साथ तहसीलदार साहब भी मिले हुए क्योंकि कई बार वह जेसीबी लेकर गए अतिक्रमण हटा नहीं पाए।
दबंगों को किसका संरक्षण
इस समय राजस्व विभाग पर किसी का भी नहीं चल रहा बस.. बस है तो सिर्फ भू माफियाओं व दबंगों का.. भूमाफिया व दबंग जैसा चाह रहे हैं राजस्व विभाग वैसा चल रहा है, आखिर इस पर कौन लेगा सूध इस बात की चिंता में आज भी लोग काट रहे हैं वर्तमान समय। राजस्व विभाग एक ऐसा विभाग बन चुका है जिस पर न्याय पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन जैसा लगने लगा है, यहां पर न्याय सिर्फ पैसे वालों के लिए ही बचा है, ऐसा अब लगने लगा है।
कुछ ऐसा ही मामला सूरजपुर जिले के भैयाथान क्षेत्र का है जहां पर शासकीय सड़क मद की भूमि पर एक दबंग ने अपना मकान बना लिया और उस मकान को हटाने के लिए पीड़ित दर दर की ठोकर खा रहा और आवागमन के लिए रास्ता कैसे मिले इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों के पास गुहार लगा रहा है, संबंधित विभाग विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
वह तो दबंगों के इशारे पर चल रहा कई शिकायत के बावजूद न्याय की दरकार है पर न्याय कब मिलेगा इसका तो इंतजार है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि आखिर नियम विरुद्ध तरीके से कब्जा करने वाले दबंगों पर किसका संरक्षण है?
यह पूरा मामला:- पीड़ित विजेन्द्र कुशवाहा आ० छउवा उर्फ रामबिलास उम्र 45 वर्ष, जाति कोईरी ने राजस्व सचिव छग शासन, नवा रायपुर को शिकायत करते हुए आरोप लगया है की एसडीएम भैयाथान एवं तहसीलदार भैयाथान के द्वारा अनावेदकगण से साठ-गांठ कर शासकीय सड़क मद की भूमि पर मकान बनवा दिया गया एवं कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
आवेदक का कहना है की मेरे स्वामित्व व आधिपत्य की पैतृक भूमि ग्राम भैयाथान (हर्रापारा) प.इ.नं.13 रा.नि.मं. व तह. भैयाथान, जिला सूरजपुर (छ.ग.) में ख0नं0 619 / 1 रकबा 0.03 हे. भूमि स्थित है। उक्त भूमि से लगी हुई शासकीय सड़क मद की भूमि ख.नं. 847, 425 रकबा 0.25 है. भूमि लगी हुई है। उक्त शासकीय सड़क मद की भूमि से आवेदक एवं अन्य ग्रामवासी का निस्तार होता रहा है किन्तु कुछ वर्षों से अनावेदकगण जबरन कब्जा कर मकान निर्माण किया, मकान निर्माण करने के समय आवेदक तहसील भैयाथान के समक्ष अनावेदकगण शासकीय मद की भूमि पर आहता निर्माण करने व निस्तारी बंद करने के संबंध में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था।
जिसका कार्यवाही विलम्ब से करने के कारण मकान निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया। जिसके बाद तहसील दार के द्वारा हल्का पटवारी से मौका जांच कराया। मौका जांच के दौरान हल्का पटवारी ने स्पष्ट रूप से बताया कि अनावेदकगण द्वारा शासकीय सड़क मद की भूमि पर मकान निर्माण का कार्य किया है और निस्तारी बंद कर दिया है। जिसके बाद भी तहसीलदार भैयाथान के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया। तहसीलदार भैयाथान के द्वारा हल्का पटवारी के प्रतिवेदन के आधार पर स्थगन आदेश खरिज कर दिया जाता है, जबकी अनावेदकगण स्थागन आदेश के बवजूद भी निर्माण कार्य करते रहते है।
जैसे-जैसे अनावेदकगण निर्माण का कार्य करते जा रहे थे वैसे-वैसे ही आवेदक तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को आवेदन पत्र देकर जानकारी से अवगत कराते आए हैं कि अनावेदकगण आपके स्थगन आदेश के बाद भूमि निर्माण का कार्य जारी रखते है और स्थगन आदेश का बार-बार अवहेलना किया है। जिसकी जानकारी के पश्चात भी तहसीलदार एवं थाना प्रभारी के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है। जबकी हल्का पटवारी के द्वारा कई बार बाद भूमि के संबंध में जांच प्रतिवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया है।
उक्त प्रतिवेदन में शासकीय सड़क मद की भूमि के संबंध में निर्माण किया जाना उल्लेख किया है। वर्तमान समय में भी निर्माण के संबंध में हल्का पटवारी ने बेजा कब्जा के संबंध में अपना प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया है। जिसके बाद भी तहसीलदार के द्वारा कोई कार्यवही नही किया गया है। बाद भूमि शासकीय सड़क मद की भूमि है, जिस पर ग्राम वासियों एवं मवेशियों का निस्तार होता है।
उसमे अनावेदकगण द्वारा निरन्तर कब्जा कर उस पर लगातार निर्माण का कार्य जारी रखते हुये कार्य पूरा किया गया है, जिसकी जानकारी तहसीलदार भैयाथान को देने पर वाद भूमि स्थगन तो लगा देते है लेकित फिर अनावेदकगण से मेल-मिलाप कर स्थगन आदेश निरस्त कर दिया जाता है। जिससे अनावेदकगण को बल मिलता है, शासकीय भूमि पर निर्माण का कार्य जारी रखता है। यह कि वाद भूमि शासकीय सड़क मद की भूमि है जिस पर ग्रामवासियों एवं मवेशियों का निस्तार होता है, अनावेदकगण द्वारा निरन्तर निर्माण कार्य करते हुये शासकी सड़क को पूर्णतः बन्द करते जा रहे है।
जिस पर तहसीलदार और थाना प्रभारी के द्वारा भी कोई कार्यवाही नही किया जाता है। यदि उक्त शासकीय सड़क मद की भूमि जो आम निस्तार का रास्ते की भूमि है जिसे अनावेदकगण द्वारा बन्द कर दिया गया है। जिस कारण ग्रामवासियों व मवेशियों तथा आवेदक को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा जिसकी जानकारी तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.एम.) भैयाथान को होता रहा है। किन्तु उसके विरूद्ध कोई उचित कार्यवाकी किया गया और अनावेदक का साथ दिया जा रहा है। यह कि आवेदक के द्वारा इस विषय पर माननीय कलेक्टर सूरजपुर में समक्ष अवेदन पत्र दिनांक 27.02.2023 को प्रस्तुत किया गया जिसका अभी तक कोई कार्यवाही नही कि गई।
जिस कारण माननीय मंत्री जी को उचित कार्यवाही हेतु आवेदक अपना फरियाद प्रस्तुत कर रहा है। आवेदक उक्त आवेदन पत्र पर तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश देते हुये, कब्जा हटाये जाने के लिए आदेश तहसीलदार भैयाथान व अनुविभागीय अधिकारी भैयाथान को दिलाया जाना आवश्यक है। पीड़ित ने छ.ग. शासन के शासकीय सड़क मद के भूमि को जबरन किये गये कब्जा से बेदखली की कार्यवही कराने की माँगा करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
4 साल से न्याय की गुहार पर न्याय कब?
पीड़ित विजेंद्र कुशवाहा 4 साल से न्याय की गुहार एसडीएम व तहसील कार्यालय में लगा रहा। जब दबंगों ने शासकीय मत की भूमि पर कब्जा कर रहे थे तो बार-बार जाकर तहसील कार्यालय शिकायत दर्ज कराता था लेकिन तहसीलदार के कोई कार्यवाही नहीं किया। जब मकान दबंगों ने बना लिया तो स्थगन आदेश लगाकर तहसीलदार तिथि बढ़ाते गए आज 4 साल बीत गए तहसीलदार खुद अतिक्रमण हटाने आदेश बार बार जारी करते हैं, मौके पर पहुंचते हैं।
लेकिन बिना कब्जा हटाए वापस आ जाते हैं और एक ही बात कहते हैं पुलिस बल नहीं पहुंचा इसलिए हम कार्रवाई नहीं कर पाए, तथा तहसील व एसडीएम कार्यालय में लोगों के न्याय पाने के लिए चप्पल घीस जा रहे हैं। वही बड़े-बड़े भू माफियाओं के मिन्टो मे होते हैं काम, जब तहसील कार्यालय का चक्कर काट थक चुका पीड़ित राजस्व सचिव को पत्र लिखकर किया शिकायत अब देखना यह है कि आखिर इस पीड़ित को कब तहसीलदार एसडीएम देते हैं न्याय?