रायपुर। CG News : छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कलेक्टरों को स्कूल का निरीक्षण करने का निर्देश किया है जिससे सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में सुधार हो सके। इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने आज कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया है। इसमें कलेक्टरों के निरीक्षण के लिए 9 बिंदु तय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 01 जुलाई को 2024 को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान समस्त विद्यालयों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि छात्र-छात्राओ को उच्च गुणवत्तायुक्त व परिणाम मूलक शिक्षा दी जाये एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण रूप से प्रदेश के स्कूलों में प्रभावी बनाया जाये। इसलिए यह अनिवार्य हो जाता है कि आप और आपके अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का निरीक्षण नियमित रूप से किया जाये।
निरीक्षण के संबंध में निम्नानुसार निर्देश दिए गए हैं-
शाला निरीक्षण कलेण्डर जिला स्तर पर तैयार किया जाये, जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयकों से नियमित रूप से शालाओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन संबंधित जिला कलेक्टर को उपलब्ध करायेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों को भी निरीक्षण का दायित्व दिए जाएं, शाला निरीक्षण के दौरान अधिकारी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे। निरीक्षण के दौरान अधिकारी चाहें तो किसी भी एक कक्षा में अध्यापन कर सकते हैं। जारी पत्र में कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान दोषी पाये गये कर्मचारियों-अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करें एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराने कहा गया।
कलेक्टरों को भेजे पत्र में स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि 26 जून 2024 से नवीन शिक्षा सत्र 2024-25 प्रारंभ हो चुका है। सत्र प्रारंभ से पहले ही छात्र-छात्राओं को निःपाठ्य पुस्तक एवं गणवेश उपलब्ध करा दिया गया है। मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन प्रथम दिन से ही प्रारंभ कर दिया गया है। स्कूलों के लिए वार्षिक शैक्षणिक कैलेण्डर जारी कर दिया गया है।
एक जुलाई को विभागीय समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने समस्त विद्यालयों का सघन निरीक्षण करने के निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्तायुक्त व परिणाम मूलक शिक्षा दी जाये एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण रूप से प्रदेश के स्कूलों में प्रभावी बनाया जाये। इसलिए यह अनिवार्य हो जाता है कि आप और आपके अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा स्कूलों का सघन निरीक्षण नियमित रूप से किया जाये।
कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान दोषी पाये गये कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करें एवं की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
निरीक्षण के संबंध में निम्नानुसार निर्देश दिया जाता है :-
शाला निरीक्षण कलेण्डर जिला स्तर पर तैयार किया जाये।
जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये।
जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयकों से नियमित रूप से शालाओं का निरीक्षण कर प्रतिवेदन संबंधित जिला कलेक्टर को उपलब्ध करायेंगे।
शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभाग के अधिकारियों को भी निरीक्षण का दायित्व दिया जाये।
शाला निरीक्षण के दौरान अधिकारी छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे तथा चाहें तो किसी भी एक कक्षा में अध्यापन कर सकते हैं।
निरीक्षण के बिंदु
1. शाला भवन एवं शाला परिसर का उचित रखरखाव ।
2. शिक्षकों की समय पर उपस्थिति ।
3. छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या के अनुपात में उपस्थिति ।
4. वार्षिक शैक्षणिक कलेण्डर अनुसार अध्यापन।
5. शाला विकास समिति की बैठक ।
6. विद्यार्थियों का कक्षावार, विषयवार अध्ययन स्तर। (विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम अनुसार लिखने, पढ़ने, बोलने व सीखने का ज्ञान)
7. प्रयोगशाला व पुस्तकालय का उपयोग ।
8. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अनुसार मध्यान्ह भोजन।
9. बैग लेस डे का आयोजन