रायपुर। CG News : केंद्र सरकार ने आय से अधिक संपत्ति मामलें में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को बर्खास्त कर दिया है। निलंबित अफसर जीपी सिंह को राज्य शासन की अनुशंसा पर कंप्लसरी रिटायर कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सर्विस रिव्यू कमिटी की सिफारिश पर यह फैसला लिया है।
CG News : साल 2021 में भी सर्विस रिव्यू कमेटी ने तीन आईपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की सिफारिश की थी। उनमें मुकेश गुप्ता, जीपी सिंह के साथ एडीजी रैंक के एक और आईपीए का नाम था। मुकेश गुप्ता इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। और वहां से उन्हें राहत मिल गई। चूकि तीनों अफसरों की एक ही फाइल थी इसलिए मुकेश के कारण तीनों की फाइल एमएएच ने वापस कर दी थी।
केस का पूरा घटनाक्रम
– एसीबी की टीम ने एक जुलाई 2021 को सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर सुबह 6 बजे छापा मारने पहुंची। पुलिस लाइन के साथ ही राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य स्थानों पर जांच की कार्यवाही की गई।
– लगभग 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली छापे की कार्यवाही के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई दस्तावेज मिले थे।
– छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की। इसके आधार पर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड किया।
– 8 जुलाई 2021 की रात जीपी सिंह के घर से मिले दस्तवोज के आधार पर उनपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया।
– 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई।
– मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया।
– मई 2022 में उन्हें जमानत (IPS GP Singh) मिली।