रायपुर। CG News : सरगुजा जिले के सरकारी अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने सख्ती बरती है। अब छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी बैन कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने राज्य के समस्त आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक आयुष, अधिष्ठाता समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक को परिपत्र जारी कर कहा है कि किसी भी शासकीय चिकित्सालय में उपचार करा रहे मरीजों की शासकीय अथवा गैर शासकीय व्यक्तियों के द्वारा किसी प्रकार की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी नहीं की जाए, जिससे उनकी निजता भंग हो।
पिंगुआ ने उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा जनहित याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीपीआईएल नंबर 38 ऑफ 2024 में 10 जून 2024 को पारित आदेश का हवाला देते हुए सभी मरीजों की निजता का सम्मान एवं उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न करने की बात कही है। समाज में एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनने के लिए यह आवश्यक है कि हम इस प्रकार के कृतियों से बचें और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करें। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी बैन कर दिया गया है। सरगुजा जिले के सरकारी अस्पताल में फर्श पर हुई डिलीवरी का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने सख्ती बरती है। छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने राज्य के समस्त आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक आयुष, अधिष्ठाता समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक को परिपत्र जारी कर कहा है कि किसी भी शासकीय चिकित्सालय में उपचार करा रहे मरीजों की शासकीय अथवा गैर शासकीय व्यक्तियों के द्वारा किसी प्रकार की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी नहीं की जाए, जिससे उनकी निजता भंग हो।
पिंगुआ ने उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा जनहित याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीपीआईएल नंबर 38 ऑफ 2024 में 10 जून 2024 को पारित आदेश का हवाला देते हुए सभी मरीजों की निजता का सम्मान एवं उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न करने की बात कही है। समाज में एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनने के लिए यह आवश्यक है कि हम इस प्रकार के कृतियों से बचें और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करें। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।