रायपुर। CG News : छत्तीसगढ़ शांत प्रदेश है। जो वनों से आच्छादित है। यहां प्राकृतिक संसाधन भरपूर मात्रा में है। जो अब इसका दुश्मन बनते जा रहा है। पद्रेश के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने, लुटेरे यहां मंडराने लगे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण यहां 21 दिसंबर को देखने को मिला।
छत्तीसगढ़ के जंगलों में बेतरतीब लूट का खेल खेला जा रहा है। और इसका सीधा असर आदिवासी जन-जीवन और संस्कृति पर पड़ रहा है। आदिवासी लगातार छले जा रहे हैं। और ये सब जाने-माने बिजनेसमेन अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
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अडानी को लाभ पहुंचाने प्रदेश के पूरे जंगल को उजाड़ा जा रहा है। इतन ही नहीं जंगल को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को रात के अंधेरे में पुलिस डंडा का शिकार बनाया गया है।
भारत की आजादी के 76 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुलिस अंग्रेजों की तरह अत्याचार कर रही है। पुलिसिया डंडा से क्षेत्र में जनआक्रोश का माहौल बन गया है। 21 दिसंबर को वनों की बेतरतीब कटाई शरू करने से पहले हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के रामलाल करियाम (ग्राम हरिहरपुर), जयनंदन पोर्ते (सरपंच ग्राम घाटबर्रा) और ठाकुर राम सहित अन्य आंदोलनकारियों पर पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्यवाही की है।
इतना ही नहीं पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। और परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई बेतरतीब पुन: शुरू कर दी गई। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने दमनात्मक कार्यवाही की कड़े शब्दो में भर्त्सना की है। साथ ही आदिवासियों की तत्काल रिहाई की मांग भी की है।