रायपुर। CG Political : पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी ख़त्म हो गई है। लगातार 5 दिनों तक चली आईटी की इस रेड के बाद आज पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह ने राजीव भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, आईटी के अधिकारी खाली हाथ लौटे है। उन्होंने कहा कि, जितना हमारी तरफ से चुनाव में संपत्ति का जो ब्यौरा दिया गया था, उतना ही मिला है। न कुछ मिला, न कुछ हासिल हुआ।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में ED -IT को हथियार बनाकर दहशत फैलाने का काम चल रहा हैं। मेरे निवास पर IT की कार्यवाही कर डर और प्रताड़ित करने की कोशिश की गई। पूर्व CM सहित कई लोगों के ठिकानों में इस तरह का तांडव किया गया। भाजपा से आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग हमनें की, और हम पर ही कार्यवाही होने लगी। गैर भाजपाई आदिवासी नेताओं को बीजेपी टारगेट कर रही है। इससे तो अच्छा झंझट से बचने आप हमें और जितने आदिवासी नेता हैं उन्हें गोली मार दीजिए।
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केंद्र की भाजपा सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व मंत्री भगत ने कहा कि, पूरे देश में केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल डराने के लिए हो रहा। आयकर ने 5 दिनों तक हमे बाहर नहीं जाने दिया गया। किसी मंत्री, किसी आदिवासी के यहां अब तक ऐसा नही हुआ। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने पुराने स्टाफ से मारपीट करने और गलत बयान लेने का आरोप भी लगाया है।
पूर्व मंत्री भगत ने अपने बयान में आगे कहा कि, उन्हें राहुल गांधी की यात्रा में संयोजक बनाया गया था। वो कार्य्रक्रम सफल न हो इसलिए ऐसा किया गया। सरगुजा से लोकसभा चुनाव केलिए मेरा नाम भी उभरा। आदिवासी क्या इतने बेईमान हो गए, उनका जंगल उजड़ दिया गया, फिर भी आदिवासी ही बेइमान। क्या हम राजनीति में न आए, अधिकार की बात न करें। ऐसा है तो आदिवासियों को गोली मार दी जाए, लेकिन हम अपने अधिकार की बात उठाते रहेंगे।
‘केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर दहशत फैलाई जा रही’
केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कांग्रेस के खिलाफ और गैर बीजेपी शासित राज्यों के खिलाफ कर दहशत फैलाने का काम चल रहा है। हाल ही में आदिवासी नेता झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन के साथ भी ऐसा ही किया गया, पद से इस्तीफा देने तक मजबूर किया गया।
मेरे निवास सहित पूरे मेरे सहयोगियों के खिलाफ प्रदेशभर में छापा मारकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। लगातार 4 दिन तक हमें घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया गया। राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को दबाने के लिए ये हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।