रायपुर : CG School Reopen : छत्तीसगढ़ में आज शाळा प्रवेश उत्सव कार्यक्रम शुरू हो गया है। 26 जून से स्कूलों में एक बार फिर बच्चों की शोरगुल और घंटीया सुनाई देगी। भीषण गर्मी के चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 16 जून से शुरू होने वाले नए शिक्षा सत्र को बढ़ा कर 26 जून कर दी थी। CM भूपेश बघेल रायपुर के जेएन पाण्डेय स्कूल में प्रवेश उत्सव में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, सभी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाकर नन्हें-मुन्हें बच्चों का स्वागत किया जाए।
CG School Reopen : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज से शुरू हो रहें नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेशोत्सव के पावन अवसर पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं नए शिक्षा सत्र के शुभारंभ, शाला प्रवेशोत्सव को सार्थक बनाते हुए नई ऊर्जा और नए संकल्प के साथ शिक्षा दान के कार्य में पूरे समर्पण के साथ जुट जाएंगे।
CG School Reopen : आप और हम सब मिलकर शिक्षित छत्तीसगढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। पिछले वर्ष राज्य में 5173 बालवाड़ियां प्रारंभ की गई थी, इस वर्ष 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही है, अब इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो जाएगी।
बढ़ाएं बच्चों मनोबल
मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाकर नन्हें-मुन्ने बच्चों का स्वागत और अभिनंदन किया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों और आमजनों से अनुरोध किया है कि शाला प्रवेश के दिन अपने नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और समय-समय में स्कूल जाकर शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में लगातार सहयोग भी करें।
इस वर्ष स्कूल खुलते ही बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, गणवेश इत्यादि प्रदान करने तथा कक्षा नवमीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क सायकल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही हमें शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षा के प्रति जन-जन का लगाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। हमारा यह संकल्प है कि प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए सभी व्यवस्थाएं स्कूल खुलने के पहले दिन से ही सुनिश्चित हों।
मातृभाषा में पढ़ाई की शुरुआत का अवसर
CM भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं। इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है। हमारी सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखाने पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सके।