नई दिल्ली। Chandrayaan 3 Launch Live : आज भारतवासियों के लिए बेहद ही गर्व भरा दिन साबित होने वाला हैं। आखिरकार वह घड़ी बेहद नजदीक हैं जिसका पूरे देशभर के लोग बेसब्री से इंताज कर रहे हैं। दरअसल चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से कुछ ही देर में लॉन्च किया जाएगा। इसरो के पूर्व चीफ माधवन नायर ने कहा, इंसानी रूप से जो कुछ भी संभव था, वो किया जा चुका है. मुझे ऐसा कोई कारण नहीं नजर आता कि मिशन चंद्रयान-3 फेल हो।
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई, 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। हमारा तीसरा चंद्र मिशन, चंद्रयान-3, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण (लॉन्च) को देखने के लिए 200 से अधिक स्कूली छात्र आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे हैं. एक छात्रा ने कहा, मैं बहुत उत्साहित हूं. मैं कल्पना चावला की तरह अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती हूं।
लॉन्चिंग के बाद 1627 किमी होगी रफ्तार
दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा होगी। लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी।
40 दिनों में पूरा होगा होगा चांद का सफर
चंद्रयान-3 धरती से चांद की 3.84 लाख किमी की दूरी 40 दिनों में तय करेगा। लॉन्चिंग के बाद रॉकेट इसे पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा। इस दौरान रॉकेट 36 हजार किमी/घंटे की अधिकतम रफ्तार तक सफर करेगा। इसे पूरा करने में इसे 16 मिनट लगेंगे।
बता दे कि चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है। इसमें लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा। हालांकि लैंडर को चांद की सतह पर उतारना सबसे कठिन काम है। 2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था।