रायपुर। Chhath Puja 2023 : उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का आज समापन हो गया। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाता है। छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस बार 17 नवंबर को नहाय-खाय मनाया गया। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।
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बता दें कि छठ का पर्व छत्तीसगढ़ समेत बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। महिलाओं द्वारा छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है।
क्यों की जाती है छठ मैया की पूजा?
मान्यता है कि छठी मैया की पूजा से नि:संतान को संतान सुख प्राप्त होता है। धन-धान्य की प्राप्ति होती है और जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहता है। दिल्ली-एनसीआर में लाखों महिलाओं और पुरुषों ने सोमवार को छठ समारोह के हिस्से के रूप में उगते सूरज की प्रार्थना की। राजनेताओं ने भी छठ घाटों पर पूजा में भाग लिया। छठ बिहार और पूर्वी यूपी के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण पर्व है।