जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जशपुर के वनवासी कल्याण आश्रम में आदिवासियों के सबसे बड़े त्यौहार सरहुल सरना पूजा महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता को हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हर वर्ष यहाँ सरहुल खद्दी पूजा का आयोजन चैत्र प्रतिपदा के दिन करने की परंपरा है। मैं शुरू से ही वनवासी कल्याण आश्रम का कार्यकर्ता रहा हूँ। हर बार मेरा प्रयास रहता है कि इस पूजा में आप सभी के बीच रहूं, आप सभी के दर्शन करूँ।
उन्होंने कहा कि आज जो मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व संभाल रहा हूँ वो महादेव-पार्वती, बालाजी भगवान, खुड़िया रानी, हमारे देवी-देवता, वनवासी कल्याण आश्रम, दिलीप सिंह जूदेव जी, बालासाहेब देशपांडे जी, जगदेव उरांव जी और आप सभी के आशीर्वाद से हूँ। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री होने के नाते मेरा दायित्व है कि जशपुर का नाम ऊँचा हो, जशपुर का नाम कभी भी नीचा न हो यह आशीर्वाद मैं आप सभी से मांगता हूँ।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरहुल खद्दी पूजा में हम आदिवासी प्रकृति की, पेड़-पौधे, सरई पेड़ की पूजा करते हैं. हम आदिवासी साल भर जो करते हैं और जो गलती करते हैं उसके लिए धरती माता, महादेव-पार्वती से क्षमा मांगते हैं। आने वाले साल में हम सबका जीवन मंगलमय हो, सुखमय हो, परिवार अच्छे से रहे, खेती अच्छा हो, बरसात अच्छा हो इसके लिए हम आज के दिन धरती माता और महादेव-पार्वती की पूजा करते हैं, उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। छत्तीसगढ़ में सदैव सुख-समृद्धि हो, सबका जीवन मंगलमय हो इसकी कामना मैं धरती माता और महादेव-पार्वती से करता हूँ।
CM ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं, तो ऐसे विधर्मियों से हमें सावधान रहना है। हम आदिवासी लोग शिव-पार्वती की पूजा करते हैं, आदिवासियों से बड़ा हिन्दू कोई नहीं हो सकता है। आदिवासियों की एकता को तोड़ने का प्रयास जो विधर्मी कर रहे हैं, उनके बहकावे में नहीं आना है, उनको करारा जवाब देना है।