CM साय ने नवीन कानूनों पर आधारित पुस्तक का किया विमोचन, DGP जुनेजा समेत पुलिस विभाग के अधिकारीगण रहे मौजूद
July 1, 2024 | by Nitesh Sharma

रायपुर : भारतीय दंड संहिता अब भारतीय न्याय संहिता बन चुकी है। ब्रिटिश राज के औपनिवेशिक अपराध कानूनों का दौर खत्म हो गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में निवास कार्यालय में आज से देशभर में लागू हो रहे तीन नवीन कानूनों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।
अंग्रेजों के बनाए “दंड विधानों” से हम “न्याय विधानों” की ओर उन्मुख हो चुके हैं। जहां भारतीय दंड संहिता, 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, 2023, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 को नये सिरे से नये कलेवर में प्रस्तुत किया गया है।
जैसा कि कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी, न्याय ना मिलने के समान है। इस बात को ध्यान में रखते हुये नये कानूनों की प्रक्रिया में आवश्यकतानुसार व्यापक परिवर्तन किया गया है। जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाया जा सके। ऐसा करने से न्याय प्रणाली में आम जनता का विश्वास और मजबूत होगा।
न्यायपरक इस तीन नए कानून के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री श्री अमित शाह जी, विधि मंत्रालय एवं देश के ख्यातिप्राप्त विधि विषेशज्ञों का सहृदय आभार व्यक्त करता हूँ। हम विश्वास दिलाते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार नवीन आपराधिक कानूनों की मंशा अनुरूप छत्तीसगढ़ के नागरिकों को त्वरित एवं समुचित न्याय प्रदान करने हेतु कृत संकल्पित है।
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