दंतेवाड़ा। CM Bhupesh Baghel : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) कल दंतेवाड़ा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। उन्होंने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित उपस्थित सांसद, विधायक, पूर्व विधायक तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी शहीद जवानों की अर्थी को कंधा दिया। शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को उनके गृह ग्राम के लिए रवाना किया जा रहा है।
शहादत नहीं जाएगी बेकार
सीएम भूपेश बघेल ने कहा – कल दंतेवाड़ा एसपी (Dantewada SP) को नक्सलियों के जमावड़े की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर डीआरजी जवानों की 2 टुकड़ियां गई थी। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 2 नक्सलियों को पकड़ कर वापस लौट रहे थे। 10 जवानों और एक नागरिक शहीद हो गए।
हमारे जवान नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं, जवानो की शहादत बेकार नहीं जाएगी और तेजी के साथ लड़ाई लड़ी जाएगी। जहां भी नक्सलियों के होने की सूचना मिलेगी, हमारे जवान घेरकर उनके साथ लड़ाई कर रहे हैं।
इन चार सालों में कोर एरिया है 75 कैम्प स्थापित किये हैं। पहले बफर ज़ोन में कैम्प खुलते थे। अब जगरगुंडा जाने के लिए सुकमा जाने की जरूरत नहीं है, अन्य स्थानों से भी जा सकते हैं। नक्सली नेता हिड़मा का मुख्यालय माने जाने वाला यह क्षेत्र चारो तरफ से घिर चुका है और उसके छुपने की जगह नहीं बची है।
पुल- पुलिया,सड़क बनाई जा रही है, पुलिस कैम्प स्थापित किये जा रहे हैं, स्कूल,आंगनबाड़ी कैम्प खोले जा रहे हैं। जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है,इसलिए नक्सली लगातार पीछे हटते जा रहे हैं। 2 साल बाद इस प्रकार की घटना होना इस बात का सूचक है कि नक्सलियों में हताशा है।
Chhattisgarh | I express deep condolences over the death of 10 DRG jawans and one driver. Their sacrifice will not go in vain. Action will be taken against the Naxals involved in this. Those who want to surrender should surrender. Our jawans are continuously fighting the Naxals:… pic.twitter.com/QzwxNOajEm
— ANI (@ANI) April 27, 2023
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि शासन की नीति के मुताबिक शहीद जवानों और नागरिकों को मुआवजा दिया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि जवानों की शहदत हुई है, इसे इंकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन पहले की तुलना में काफी अंतर आया है।
पहले सुरक्षाबलों के कैम्पो के हमले होते थे और जवान अपनी सुरक्षा करते थे। अब नीति में परिवर्तन हुआ है, अब हमारे जवान सर्च करके नक्सलियों से लड़ते हैं और नक्सलियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ती है। जवान कैम्पों में जान नहीं दे रहे हैं, बल्कि लड़ते हुए शहीद हो रहे हैं।