रायपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आज रेल यात्रियों के बीच उनकी परेशानियां सुनने के लिए रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कई यात्रियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को जाना। दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा करते हुए दीपक बैज ने कहा कि, गर्मी की छुट्टियां चल रही है, शादी-ब्याह का सीजन है, लोग महीनों पहले टिकिट बुक करवा कर रखे है लेकिन ऐन यात्रा के दिन ट्रेनों के रद्द होने का फर्मान जारी हो जा रहा है। कहा कि रेल्वे स्टेशन, यह रेल नरेन्द्र मोदी सरकार की विफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है। इस संबंध में उन्होंने ने मीडिया चर्चा की।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अपने बयान में आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ में ये स्थिती आज से नही बल्कि पिछले तीन सालों से चल रही है, लेकिन भाजपा सरकार और उनके नेताओं ने एक शब्द भी इस संबंध में नही बोला है। यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 62000 ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया गया। दीपक बैज का कहना है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मतलब यात्री ट्रेनों को बंद करने के षड़यंत्र करने का समर्थन करना होगा। रेलवे को बचाने के लिए आवश्यक है कि देश से मोदी सरकार की विदाई की जाए। यात्री रेल और रेल सुविधा को बचाने के लिये यह आवश्यक है कि भाजपा और मोदी के खिलाफ मतदान किया जाए।
पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि गर्मी की छुट्टियां चल रही है, शादी-ब्याह का सीजन है, लोग महीनों पहले टिकिट बुक करवा कर रखे है, लेकिन यात्रा के दिन ट्रेनों के रद्द होने का फर्मान जारी हो जाता है। अकेले रायपुर रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन हजारों यात्री ट्रेनों के लेट लतीफी और रद्द होने के कारण परेशान है। वर्तमान में एक बार फिर 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 40 ट्रेने पहले से रद्द है। देश में आज कोई भी ट्रेन नहीं है, जो समय पर गंतव्य के लिये चलती हो घंटो लेट लतीफी भारतीय रेल की पहचान बन गयी है।
उन्होंने इसे मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया बताया है। पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 62 हजार ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का मतलब यात्री ट्रेनों को बंद करने के षड़यंत्र करने का समर्थन करना होगा। रेलवे को बचाने के लिए आवश्यक है कि देश से मोदी सरकार की विदाई की जाये। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है।