Delhi Assembly Session : CM केजरीवाल क्यों करेंगे लाल किले पर खड़े होकर भाजपा को वोट देने की अपील? पढ़ें मुख्यमंत्री का हिला देने वाला बयान…

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

Delhi Assembly Session : नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधानसभा पहुंचे और सदन की कार्यवाही में भाग लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन को संबोधित किया और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से एक अपील भी की।

 

विधानसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम शानदार स्कीम लेकर आए। लोगों को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ये लोग स्कीम का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों ने हमारी सरकार द्वारा लाई गई ज्यादातर स्कीमों को बंद कर दिया।

 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ये लोग इतनी नफरत करते हैं। दिल्ली के अफसर हमारी बात नहीं सुनते हैं। सीएम केजरीवाल ने सदन के अंदर उपराज्यपाल वीके सक्सेना से अपील की। उन्होंने कहा कि अगर आप एक फोन भी कर देंगे तो ये अफसर काम करेंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 10 लाख से ज़्यादा लोगों के पानी के ज़्यादा बिल आए हैं। इन्हें ठीक करने की हम योजना लाए हैं। ये लोग उसे भी लागू नहीं करने दे रहे। पर चिंता मत करना, पहले की तरह इसे भी लागू करवाएंगे। इसके लिए हम आंदोलन करेंगे। हम आंदोलन से ही तो निकले हैं। हमने बहुत आंदोलन किए हैं।

सदन के अंदर सीएम केजरीवाल ने कहा कि आप लोग हमारे कामों को रोकते रहो, हम काम करते रहेंगे। आपने फरिश्ते योजना को रोका, सीसीटीवी का पैसा रोका, जल बोर्ड का पैसा रोका। आप रोकते रहें, हम काम करते रहेंगे।

सीएम केजरीवाल बोले- मैं लाल किले पर खड़े होकर कहूंगा कि भाजपा को वोट दें
सदन में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली जल बोर्ड के गलत बिलों को माफ करने के लिए एक योजना लाना चाहते हैं। लेकिन केंद्र के अधिकारी इसे मंजूरी नहीं दे पा रहे हैं। अगर भाजपा इसे पास करा दे तो मैं लाल किले पर खड़े होकर कहूंगा कि आप लोग भाजपा को वोट दीजिए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें ईडी और सीबीआई से गिरफ्तार और निलंबित करने की धमकी दी जा रही है। अगर उन्होंने वन टाइम सेटलमेंट योजना को पास सकते हैं। यह एक असंवैधानिक संकट है। जब अधिकारी कैबिनेट के प्रस्ताव को पारित करने से मना कर रहे हैं। आज हमने इस मामले पर चर्चा की।


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