नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण का ग्राफ दिनो-दिन बढ़ रहा हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की हवा WHO की लिमिट से 60 गुना ज्यादा जहरीली हैं। 18 नवंबर 2024 यानी सोमवार की सुबह PM 2.5 का लेवल 907 था। यह दावा है IQAir पॉल्यूशन मॉनिटर्स ने किया हैं।
बता दे कि दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 4 के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और ज्यादा कड़े उपाय लागू किए हैं। 18 नवंबर सुबह 8 बजे से प्रभावी प्रतिबंधों का नया सेट क्षेत्र में लागू हो गया है। सीएक्यूएम, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को खराब करने में योगदान देने वाले उत्सर्जन के घटकों को कम करने के लिए प्रदूषण के अन्य स्रोतों के साथ-साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। वायु प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी की दहलीज में पहुंच गया है। रविवार को शाम तक दिल्ली का एक्यूआई 457 तक पहुंच गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (18 नवंबर) को सुनवाई हुई। जस्टिस अभय एस.ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि वायु गुणवत्ता खराब होने के बावजूद एंटी- पॉल्यूशन (anti-pollution) उपायों में देरी क्यों हुई। कोर्ट ने सवाल किया, हमें AQI 300 से ज्यादा होने का इंतजार क्यों करना पड़ा?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी कि किसी भी प्रतिबंध को हटाने से पहले उसे कोर्ट को सूचित करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के उपाय समय पर लागू किए जाएं। सरकार की देरी पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कहा, “हमें इंतजार क्यों करना पड़ता है कि हालात खराब हो जाएं और तब कदम उठाए जाएं।’
GRAP नियमों की अनदेखी पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
केंद्र सरकार ने दलील दी कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर स्टेज 3 को लागू करने में देरी हुई। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी गंभीर परिस्थितियों में मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। केंद्र ने यह भी कहा कि अब स्टेज 4 लागू करने की स्थिति बन गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कि बिना कोर्ट की अनुमति के स्टेज 4 से नीचे नहीं जाया जाएगा, भले ही AQI 300 से नीचे आ जाए।