क्या आप जानते है? हनुमान जी ही नहीं इन 7 चिरंजीवियों को भी मिला था अमर होने का वरदान

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LIvekhabhar | Chhattisgarh News

रायपुर। ऐसी मान्यता है कि बजरंगबली आज भी पृथ्वी पर सशरीर मौजूद हैं। इसलिए प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। कहा जाता हैं हनुमान आज भी धरती पर मौजूद हैं. जब राम अयोध्या छोड़ बैकुण्ठ पधारने लगे, तब हनुमान ने पृथ्वी पर रहने की इच्छा जताई। तब राम ने उन्हें पृथ्वी पर अमर रहने का वरदान दिया था।

लेकिन क्या आप जानते हैं? हनुमान के अतिरिक्त सात और भी चिरंजीवी हैं, जिन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में अमर होने का वरदान प्राप्त हुआ था।

अश्वत्थामा
अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र एवं महाभारत युद्ध में कौरवों के सेनापति थे. प्रभु श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत काल तक धरती पर भटकने का श्राप दे दिया था.

कृपाचार्य
कृपाचार्य कौरवों और पांडवों दोनों के गुरु थे. कृपाचार्य ने दुर्योधन को पांडवों से सन्धि करने के लिए बहुत समझाया था. ऐसे ही सुकर्मों के कारण उन्हें अमर होने का वरदान प्राप्त हुआ था.

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परशुराम
परशुराम को प्रभु श्री विष्णु का छठा अवतार मानते हैं. इन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है. इनका जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था, जिसे आज अक्षय तृतीया कहते हैं.

ऋषि मार्कण्डेय
ऋषि मार्कण्डेय महादेव के परम भक्त थे. मार्कण्डेय ऋषि को भगवान महादेवसे सदा अमर रहने का वरदान मिला था.

वेद व्यास
महर्षि वेद व्यास ने श्रीमदभगवद् महापुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी. ऐसा कहते हैं कि वेद व्यास कलिकाल के अंत तक जीवित रहेंगे. तब वे कल्कि अवतार के साथ रहेंगे.

विभीषण
लंकापति रावण के छोटे भाई विभीषण को भी अमर होने का वरदान प्राप्त हुआ था. प्रभु श्री राम ने विभीषण को लंका नरेश बनाने के साथ अजर-अमर होने का वरदान भी दिया.

राजा बलि
प्रभु श्री विष्णु ने राजा बलि से तीन पग में पृथ्वी और स्वर्ग लेकर उसे बदले में पाताल का राजा बनाया था. कहते हैं कि पाताल लोक में आज भी राजा बलि का राज है.

 


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