गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले में खनिज रॉयल्टी में करोड़ों का घोटाला, खनिज निरीक्षक राजू यादव माफियाओ के संरक्षणकर्ता

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गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले में इन दिनों अवैध रेत उत्खनन,मुरूम खनन, जोरों पर है। एक तरफ माफिया द्वारा अवैध उत्खनन कर वन व पर्यावरण को क्षती पहुंचाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर शासकीय विभागों में खनिज की सप्लाई करने वाले सप्लायर व ठेकेदारों के द्वारा रॉयल्टी राशि में जमकर हेरा फेरी की जा रही है, जिसके कारण हर माह लाखो रूपये की हानी शासन को हो रही है। जिसके लिए खनिज विभाग के अधिकारी व खनिज निरीक्षक मुख्य रूप से जिम्मेदार है ।

गौरतलब है की खनिज इंस्पेक्टर राजू यादव के द्वारा अवैध उत्खनन के नाम पर आए दिन ट्रैक्टर, ट्रक, जेसीबी को जप्त कर खानापूर्ति की जा रही है। जबकि नए नियम के तहत अवैध उत्खनन करने वाले के विरुद्ध थाने में अपराध दर्ज कराया जाना चाहिए। परंतु मोटा रकम लेकर मामले को निपटा लिया जाता है।

बता दे की मरवाही वन मंडल पेंड्रारोड में सप्लायर साहिल इंटरप्राइजेज बिलासपुर के द्वारा पिछले 2 साल के भीतर लगभग 4 से 5 करोड रुपए की रॉयल्टी चोरी की गई जिसकी जांच खनिज अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे इससे साफ प्रदर्शित होता है की कही न कही खनिज विभाग के संरक्षण में ही माफिया फल फूल रहे है।

शासन द्वारा निर्धारित दर पर रॉयल्टी कटौती नही

जिले के अन्तर्गत संचालित लोक निर्माण विभाग, आदिवासी विभाग, वन विभाग,ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, जलसंसाधन, सभी जगह अलग-अलग दर से मनमाना रॉयल्टी कटौती की जा रही है। शासन द्वारा निर्धारित दर पर रॉयल्टी कटौती नहीं की जा रही है। जिससे शासन को करोड़ो का नुकसान तो खनिज अधिकारियो को लाखो का फायदा हो रहा है।

खनिज निरीक्षक राजू यादव माफियाओ के संरक्षणकर्ता

खनिज इंस्पेक्टर से साठ गांठ करके ठेकेदारों के द्वारा रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाता है। जिला जीपीएम में मुरूम की एक भी खदान नहीं है। वर्तमान में नीमधा से दरमोहली सड़क निर्माण में संबंधित ठेकेदार द्वारा मुरूम का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिस पर नियम अनुसार 234 रुपया प्रति घर मीटर की दर से रॉयल्टी कटौती किया जाना है लेकिन लोक निर्माण विभाग के द्वारा मात्र ₹20 प्रति घन मीटर की दर से कटौती की जा रही है।

वहीं दूसरी ओर आयुक्त आदिवासी विभाग में रॉयल्टी के नाम पर बिल की राशि का मात्र एक प्रतिशत कटौती की जा रही है। जहां पर 20 से 25 करोड़ के हास्टल का निर्माण पिछले एक वर्ष से हो रहा है। साथ ही अन्य करोड़ों का निर्माण हो रहा है। आदिवासी विभाग वर्तमान आयुक्त द्वारा मनमाना 01 प्रतिशत रॉयल्टी की कटौती कर शासन को लगभग 02 करोड़ रुपए का चूना लगाया है।

इस प्रकार जिले के अंदर हर विभाग में अलग-अलग दर से रॉयल्टी कटौती की जा रही है। जबकि जिले के अंदर रॉयल्टी कटौती का दर एक होना चाहिए। जिसके तहत साधारण पत्थर 531रूपये प्रति घन मीटर, मुरूम 234 रूपये प्रति घ.मी., रेत 234 रूपये प्रति घ. मी. कटौती निर्धारित किया गया है। लेकिन खनिज विभाग,खनिज इंस्पेक्टर के द्वारा ठेकेदारों से मिली भगत करके फर्जी रायल्टी पर्ची के आधार पर लगातार रॉयल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है।

जिला प्रशासन की उदासीनता का परिणाम

समय सीमा टी एल की बैठक में रॉयल्टी कटौती के संबंध में विभागों से जानकारी ली जा सकती है जिससे सच्चाई स्वत: सामने आ जायेगा इस संबंध में पूर्व में भी बहुत सी शिकायत हुई लेकिन खनिज विभाग चुप्पी साधे बैठा हुआ है।
वर्तमान खनिज इंस्पेक्टर राजू यादव लगभग 4 वर्ष से जिले में पदस्थ है। अब देखना होगा रेल रॉयल्टी कटौती व अवैध उत्खनन पर वर्तमान कलेक्टर के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।


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