नई दिल्ली। GHI-2023 : ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की 2023 रिपोर्ट जारी हो गई है। जिसमें भारत को 125 देशों में 111वें स्थान पर दिया गया है। 28.7 GHI स्कोर के साथ भारत की स्थिति को गंभीर बताया गया है। जिसमें देश में सबसे अधिक 18.7 फीसदी बाल कुपोषण दर दर्ज की गई है। वहीं भारत के पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश, नेपाल और पकिस्तान को बेहतर रैंक दिया गया है। साउथ एशिया में भारत को सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर स्थान मिला है। तालिबान शासित देश अफगानिस्तान को इंडेक्स में 114 रैंक मिला है।
केंद्र सरकार ने तुरंत इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए खारिज कर दिया। केंद्र के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स ‘गंभीर कार्यप्रणाली संबंधी मुद्दों से ग्रस्त है और दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है।’ यह रिपोर्ट आयरिश एनजीओ कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन एनजीओ वेल्ट हंगर हिल्फे द्वारा तैयार और जारी की गई है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुपोषण (अंडरनरिशमेंट) की दर बढ़कर 16.6 फीसदी हो गई है और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर (बाल मृत्युदर) 3.1 फीसदी। रिपोर्ट में भारत में 15 से 24 साल की महिलाओं में एनीमिया की दर बढ़कर 58.1 फीसदी पहुंच गई है। भारत को स्थान GHI में लगातार तीसरे साल गिरावट दर्ज की गई है। 2022 में भारत को 107 रैंक थी, जो अब 4 पायदान गिरकर 111वें पर गिर गया है।
भारत सरकार ने उठाए सवाल
भारत सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट को गलत और भ्रामक बताया है। न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स भारत की सही और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता है। मंत्रालय ने आरोप लगाया कि ये देश की छवि को खराब करने का प्रयास है।
चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड स्टंटिंग?
चाइल्ड वेस्टिंग का मतलब बच्चों की लम्बाई के मुकाबले दुबला-पतला और कम वजन होने से है। चाइल्ड वेस्टिंग की श्रेणी में वो बच्चे आते हैं जिनका वजन पर्याप्त रूप से बढ़ नहीं पाता है। इसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चे लिए जाते हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में चाइल्ड वेस्टिंग के अलावा चाइल्ड स्टंटिंग भी एक इंडिकेटर है। चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब होता है कि उम्र के हिसाब से बच्चों की लंबाई नहीं बढ़ना।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि हंगर इंडेक्स में गलत तरीके से भूख का आकलन किया गया है। चार में से तीन संकेतक बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते। चौथा सबसे अहम संकेतक ‘आबादी में कुपोषितों का अनुपात महज 3000 नमूनों के आधार पर किए गए ओपिनियन पोल पर आधारित है।’
जीएचआई रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 फीसदी और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 फीसदी है। इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देशों का प्रदर्शन उससे बेहतर रहा है। बांग्लादेश 81वें, नेपाल 69वें और श्रीलंका 60वें के बाद पाकिस्तान 102वें स्थान पर है।