GPM : कागजों पर आदेश, धरातल पर तोड़ रहा दम

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GPM : बीते वर्ष 15 सितंबर 2023 को जिला प्रशासन द्वारा एक आदेश जारी किया गया था। आदेश जारी होने से रेत तस्करो के बीच हड़कंप मचा हुआ था और आम जनता को लग रहा था की जिला प्रशासन के आदेश का प्रभाव धरातल पर दिखाई देगा।

आदेश जारी होने के बाद भी उसका पालन धरातल पर आज तक नजर नही आया। जिससे रेत तस्करो का हौसला लगातार बुलंद होता जा रहा है और आदेश के अनुकूल जिला प्रशासन भी कड़ी कार्यवाही करती नजर नही आ रही है। कड़ी कार्यवाही के अभाव में प्राकृतिक संसाधनों की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। अंतर्राज्यीय तस्कर सक्रिय है।

“15 सितंबर 2023 को आदेश जारी हुआ था”

कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया के निर्देशानुसार जिले में रेत एवं अन्य खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर प्रभावी रोकथाम के लिए अवैध उत्खनन प्रभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन करते पाये जाने पर खान और खनिज अधिनियम के तहत अर्थदण्ड एवं कारावास की सजा होगी।

जिला खनिज अधिकारी ने बताया कि खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण करते पाए जाने पर खान और खनिज अधिनियम (विकास और विनियमन) 1957 की धारा 21 (1) एवं 21 (2) के तहत कार्यवाही की जायेगी। इसके अनुसार अधिकतम दण्ड 5 वर्ष अथवा 2 वर्ष का कारावास एवं पाँच लाख रुपये का अर्थदंड और प्रत्येक दिन के लिए अर्थदण्ड 50 हजार रुपये प्रावधानित है। खनिजों के अवैध उत्खनन परिवहन एवं भंडारण मंे संलिप्त आदतन व्यक्तियों द्वारा पुनः अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण किये जाने पर प्रकरण अधिनियम की धारा 22 के अनुसार माननीय सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा एवं गंभीर प्रकृति के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण के अपराध प्रकाश में आने पर प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत की जायेगी।


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